बसंतपंचमी से शुरू हुई सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा, गांव के पुरुष एकजुट होकर गीत

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Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:February 03, 2025, 15:41 IST

Dausa News : दौसा जिले के सिकराय उपखंड के गांव घूमना में कन्हैया दंगल परंपरा फिर से शुरू हुई है. बसंत पंचमी पर 50-60 लोग धार्मिक कथा गाते हैं और नृत्य करते हैं. नौपत और घेरे की धुन पर आयोजन होता है.

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घूमना

घूमना गांव में एक साथ में गायन 

दौसा : अलग-अलग क्षेत्र की अलग-अलग परंपरा आसानी से गांव में देखी जा सकती है, यहां भी एक ऐसी परंपरा है. जिसमें एक साथ में कम से कम 50 से 60 और अधिक से अधिक 150 लोग एक साथ में गायन करते हैं और इसे देखने के लिए महिला पुरुष भी पहुंचते हैं. यह परंपरा से चली आ रही है लेकिन पिछले कई सालों से यह परंपरा समाप्त सी हो गई थी लेकिन अब फिर से इसे चालू किया है.

दौसा जिले के सिकराय उपखंड क्षेत्र के गांव घूमना में सैकड़ो वर्षों से यहां पर कन्हैया दंगल का आयोजन होता आ रहा है. लेकिन पिछले कई वर्षों से यह परंपरा इस गांव में बंद सी हो गई थी लेकिन बसंत पंचमी के दिन इस परंपरा को फिर से चालू किया है. इस परंपरा को चालू गांव के लोगों के द्वारा ही किया जाता है. यह ग्राम पंचायत भवन के आगे आयोजन होता है जिसमें गांव के लोग दर्जनों की संख्या में भाग लेते हैं.

एक गले में खड़े होते हैं सभी पुरुष तब होता है गायन 
घूमना गांव के केशराम मीणा बताते हैं कि कन्हैया दंगल का आयोजन होता है और कन्हैया दंगल गायन करने के लिए एक साथ में 50 से 60 लोग एक गोल रूप में खड़े हो जाते हैं जिनमें से एक व्यक्ति धार्मिक कथा सुनाने की शुरुआत करता है. उसके बाद धीरे-धीरे सारे लोग उस व्यक्ति का सहयोग करने लगते हैं और तेज तेज आवाज में यह धार्मिक कथा सुनने लग जाते हैं और इस दौरान धार्मिक कथाओं का वर्णन करते हैं तब पूरी ताकत लगाकर यह है अपनी प्रस्तुति को पेश करते हैं.

प्रस्तुति के दौरान नृत्य भी करते
गांव के ही जय सिंह बताते हैं जब यह धार्मिक कथाओं की प्रस्तुति पेश करते हैं. इस दौरान कुछ व्यक्ति व्यक्तियों के गले के बीच में पहुंचते हैं और अपना नृत्य भी वह करते हैं जिससे लोगों का मनोरंजन भी अधिक होने लगता है और अच्छे से लोग प्रस्तुति भी दे सकते हैं. अलग-अलग लय के साथ में यह प्रस्तुति देते हैं जिसके चलते लोग नृत्य भी करने लगते हैं तो गायन करने वाले लोगों का स्वागत भी करते हैं.

नौपत और घेरे की धुन पर करते हैं गायन 
सरपंच संघ अध्यक्ष विपिन मीणा बताते हैं कि गांव के सैकड़ो की संख्या में लोग एक जगह एकत्रित होते हैं और यह धार्मिक कथाओं का गायन करते हैं गायन के दौरान नौपत और घेरे भी बजाए जाते हैं. जब कार्यक्रम के दौरान नौपत घेरे बजाए जाते हैं. तब लोगों को तान आने लगती है और तान के साथ ही लोग जमकर नृत्य भी करते हैं और अलग-अलग अंदाज में यह लोग गायन करते हैं गांव की देसी भाषा और देसी धुन पर यह सारा कार्यक्रम आयोजित होता है.

Location :

Dausa,Rajasthan

First Published :

February 03, 2025, 15:41 IST

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