Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:January 24, 2025, 12:01 IST
खंडवा के रहने वाले युवक-युवती ने ऐसा विवाह रचाया जिसे देखने के लिए भीड़ लग गई. आइए जानते हैं...
इस जोड़े ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर शादी की
खंडवा. इंदौर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले खंडवा के युवक युवती ने ऐसा विवाह रचाया जिसे देखने के लिए पूरे कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों की भीड़ लग गई. इंदौर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों की सैलरी लेने वाले यह दूल्हा-दुल्हन हिमांशु और दीक्षा हैं. दोनों ने फिजूल का खर्च बचाने के उद्देश्य से सोमवार दोपहर खंडवा कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम कोर्ट में विवाह किया.
इसमें दूल्हा दुल्हन दोनों के परिवार वाले इसके साक्षी बने. दोनों ने एक दूसरे को माला पहनकर एडीएम काशीराम बडोले के सामने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए. फिर एक दूसरे के गले में वरमाला डाल वैवाहिक जीवन में बंध गए.
दोनों के विचारों ने एक दूजे का मिलाया
दोनों ही इंदौर में पिछले 4 साल से काम कर रहे हैं. साथ रहते रहते दोनों के विचार भी एक ही धारा में एक ही सोच के साथ पल्लवित हुए. इंदौर जैसे बड़े शहरों में हर रोज बैंड बाजा बारात के कारण सड़कों पर लगने वाली भीड़, मेहमानों की मेहमान नवाजी में बेटी के बाप का बोझ तले झुकता हुआ कंधा, यह सब कुछ याद करते हुए दीक्षा ने फैसला लिया कि वह उसी के साथ अपना जीवन यापन करेंगी, जो समाज के इन रूढ़िवादी चीजों को खत्म करने में उसकी भावनाओं को समर्थन करेगा.
हिमांशु ने दीक्षा के विचारों को दिया सहारा
हिमांशु दीक्षा के इन क्रांतिकारी विचारों से रूबरू हुआ. तब उसने भी इन फिजूल खर्चों को रोकने का प्रण लिया. हिमांशु और दीक्षा ने 20 जनवरी का दिन चयन किया और बिना किसी शोर शराबे के खंडवा कलेक्ट्रेट में एक दूजे के जीवन साथी बन गए.
नव दंपति ने फिजूल खर्च करने वालों से की खास अपील
इस नवदंपति ने नवजीवन में प्रवेश करने के साथ ही विवाह के साथ-साथ अन्य जो प्राचीन रूढ़िवादी परंपराएं हैं. उनमें फिजूल खर्ची को बंद करने की आम जनता से अपील की. परंपराओं के नाम पर बेवजह कई दुल्हन के पिता कर्ज तले अपना जीवन जी रहे हैं. लिहाजा ऐसी परंपराएं समाज से खत्म करना ही इनका मकसद है.
Location :
Khandwa,Madhya Pradesh
First Published :
January 24, 2025, 12:01 IST