Last Updated:February 01, 2025, 06:01 IST
बीजेपी अब दिल्ली की हर सीट पर एनडीए के सांसदों को उतारने जा रही है. हर राज्य से सांसद आएंगे और अपने-अपने राज्य के लोगों से संपर्क करेंगे.
हाइलाइट्स
- बीजेपी अब एनडीए के सभी सांसदों की दिल्ली की हर विधानसभा सीट पर उतारेगी.
- दलित सांसदों को बाबा साहेब की मूर्ति खंडित करने की जांच के लिए पंजाब भेजा जा रहा.
- आरएसएस पहले ही छोटी-छोटी बैठकें कर रहा है. हिन्दू संगठन भी मैदान में उतरे.
दिल्ली जीतने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. सांसदों को चार महीने पहले ही मैदान में उतारा जा चुका है. एक-एक विधानसभा सीट पर कई कई-कई केंद्रीय मंत्री उतारे गए हैं. आरएसएस पूरी ताकत झोंके हुए हैं. हिन्दूवादी संगठनों की टोलियां घर-घर पहुंच रही हैं. लोगों से बीजेपी को वोट करने की अपील कर रही हैं. छोटी-छोटी बैठकें हो रही हैं. चुनाव नजदीक देखकर अब बीजेपी ने एनडीए को भी मैदान में उतार दिया है. सूत्रों के मुताबिक, अब एनडीए के सभी सांसद दिल्ली चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे. शुक्रवार को इसका प्लान सामने आया. उधर, पंजाब से भी अरविंद केजरीवाल को घेरने की तैयारी है.
बीजेपी जानती है कि दिल्ली में कई राज्यों के लोग रहते हैं. यहां उत्तराखंड के हजारों लोग हैं, जो कई विधानसभा सीटों पर जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसलिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई दिनों से दिल्ली की गलियां छान रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद उनकी डिमांड सबसे ज्यादा है. इसी तरह यूपी के भी लाखों लोग दिल्ली में रहते हैं, जिन्हें लुभाने के लिए बीजेपी सीएम योगी को पहले ही मैदान में उतार चुकी है. उनकी कई रैलियां हो चुकी हैं. हरियाणा के 10 लाख से ज्यादा लोग दिल्ली में रहते हैं, इसे देखते हुए बीजेपी ने हरियाणा के सीएम को मैदान में उतारा है. इतना ही नहीं, महाराष्ट्र, बंगाल के नेताओं को भी फील्ड में भेजा जा रहा है. वे छोटी-छोटी रैलियां कर रहे हैं.
बजट सत्र से पहले बना प्लान
अब बीजेपी एनडीए के नेताओं को मैदान में उतारने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को बजट सत्र से पहले एनडीए नेताओं की बैठक में इस पर चर्चा हुई और इसका प्लान तैयार कर लिया गया है. एनडीए के प्रमुख दल नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए मैदान में उतारा जाएगा. जेडीयू पहले से बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. इसी तरह नार्थ ईस्ट के सांसद भी उन इलाकों में जाएंगे, जहां नॉर्थ ईस्ट के वोटर रहते हैं.
आंकड़ों से समझिए पूरा समीकरण
- 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में रहने वाले बाहरी लोगों में 50 फीसदी अकेले यूपी-बिहार के हैं. 70 फीसदी सीटों पर इनके वोट हार जीत तय करते हैं.
- दिल्ली में 18 फीसदी से अधिक पंजाबी समुदाय के लोग हैं, जो कम से कम 8 विधानसभा सीटों पर हार जीत तय कर सकते हैं. तिलक नगर, कृष्णा नगर, राजौरी गार्डन पंजाबी बहुल सीटें हैं.
- 15 लाख से ज्यादा वोटर उत्तराखंड के रहने वाले हैं. इनकी भागीदारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई परिवार के लेाग सेना में हैं.
- 6 लाख से ज्यादा बंगाली मतदाता हैं. इनमें से ज्यादातर लोग सीआरपार्क में रहते हैं. आरके पुरम, गांधी नगर, तिमारपुर, गांधी नगर, मुखर्जी नगर और पश्चिम विहार में भी इनकी संख्या अच्छी खासी है.
पंजाब बहाना, दलित हैं निशाना
बीजेपी ने पंजाब के जरिये अरविंद केजरीवाल को घेरने का प्लान बनाया है. कुछ दिनों पहले अमृतसर में डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी गई थी. इसे बीजेपी ने दलितों का अपमान बताते हुए बड़ा मुद्दा बना लिया है, जिसे दिल्ली चुनाव में भुनाने की तैयारी है. बीजेपी अपना 6 सदस्यीय पैनल अमृतसर भेज रही है, जो वहां की रिपोर्ट जेपी नड्डा को देगी. इसमें सांसद बृजलाल, लाल सिंह आर्य, सोमप्रकाश, गुरु प्रकाश पासवान, यूपी सरकार में मंत्री असीम अरुण, बंतो देवी शामिल हैं. खास बात ये सभी दलित नेता हैं और वहां से लौटकर चुनाव के पहले जो रिपोर्ट देंगे, उसे बीजेपी दिल्ली चुनाव के बीच सामने रखेगी.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 01, 2025, 06:01 IST