भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, पीकेसी लिंक परियोजना का बदला नाम

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Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:January 23, 2025, 10:09 IST

Jaipur News : भजनलाल सरकार ने पीकेसी लिंक परियोजना को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इस परियोजना का नाम बदल दिया है. अब इस प्रोजेक्ट को 'रामजल सेतु लिंक परियोजना' नाम दिया गया है. जानें इसको लेकर सीएम भजनलाल...और पढ़ें

भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, पीकेसी लिंक परियोजना का बदला नाम

परियोजना के नए नामकरण के बाद इसका पोस्टर जारी किया गया है.

रोशन शर्मा.

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम ने राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना का बदल दिया है. अब इस परियोजना को ‘रामजल सेतु लिंक परियोजना’ के नाम से जाना जाएगा. रामजल सेतु लिंक परियोजना के नामकरण के बाद इसके पोस्टर का विमोचन भी किया गया है. रामसेतु जल परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा.

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि बीते साल आज के ही दिन 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे. भगवान श्रीराम ने सत्य की विजय के लिए समुद्र पर सेतु बनाकर एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने का काम किया था. भजनलाल शर्मा कहा कि उनसे प्रेरणा लेते हुए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान और मध्य प्रदेश को सुजलाम सुफलाम बनाने के लिए नदियों को जोड़ने की यह महत्वाकांक्षी परियोजना लाई गई है.

राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए बेहद अहम है यह परियोजना
सीएमआर में आयोजित संक्षिप्त समारोह में सीएम ने कहा कि बीते साल 17 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में संशोधित पीकेसी परियोजना के एमओए के अवसर पर पार्वती, काली सिंध और चंबल नदियों का जल रामसेतु जल संकल्प कलश में प्रवाहित किया गया था. यह परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए बेहद अहम है. इससे दोनों प्रदेशों की बड़ी आबादी को फायदा मिलेगा.

17 जिलों की 3.25 करोड़ आबादी को पीने का पानी मिलेगा
इस परियोजना के राजस्थान के 17 जिलों की 3.25 करोड़ आबादी को पीने का पानी मुहैया करवाया जाएगा। वहीं प्रदेश के 25 लाख किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनको लगभग 4 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई करने के लिए भी पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस परियोजना के जरिये बनास, मोरेल, बांणगंगा, रूपारेल, पार्वती, गंभीर और साबी नदियों को पुनर्जीवित कर भूजल का पुनर्भरण किया जाएगा. इस योजना से पूर्वी राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़, खैरथल तिजारा, अलवर, डीग, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, अजमेर, ब्यावर, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ जिले को फायदा मिलेगा.

राजस्थान-मध्य प्रदेश बिग प्रोजेक्ट

विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनी रही थी यह परियोजना
उल्लेखनीय यह परियोजना बीते विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनी हुई थी. गहलोत सरकार ने पूर्व में केन्द्र सरकार पर इस परियोजना को अटकाने का आरोप लगाया था. विपक्षी पार्टी ने अब इसके नए एमओयू पर सवाल उठा रखे हैं. सीएमआर में आयोजित समारोह में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम, राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, विधायक बहादुर सिंह कोली, डॉ. शैलेष सिंह, डॉ. सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारीगण और जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे.

Location :

Jaipur,Jaipur,Rajasthan

First Published :

January 23, 2025, 10:09 IST

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