झारखंड में मुंख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। दरअसल बोकारो जिला प्रशासन ने इस बात का खुलासा किया है कि झारखंड राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में इस योजना के तहत फर्जी आवेदन किए गए हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए बंगाल के लोगों के नाम का इस्तेमाल किया गया है। वहीं आदिवासी महिलाओं के नाम पर जिले में 11,200 फर्जी आवेदन किए गए थे। जांच में पता चला कि एक ही बैंक खाता संख्या से कई बार आवेदन किया गया था। जांच में पता चला कि बैंक खाता पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के रहने वाले यूसुफ और सुफनी खातुन का था।
एक बैक खाते का कई बार हुआ इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक, इस योजना के लिए फर्जी आवेदन करने वालों में बिहार के किसनगंज, झारखंड के पलामू जिले के तीन कम्युनिटी सर्विस सेंटरो ने अहम भूमिका निभाई है। इन ऑपरेटरों के माध्यम से झारखंड के विभिन्न प्रखंडों में आवेदन किए गए थे। इसी कड़ी में कसमार, बेरमो, चंदनकियारी, गोमिया समेत कई अन्य स्थानों पर फर्जी आवेदन किए गए थे। बता दें कि अलग-अलग आवेदनों के लिए एक ही बैंक खाते का कई बार इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिए युसूफ के बैंक खाते को 95 बार इस्तेमाल किया गया और सुफनी के बैंक खाते का इस्तेमाल 94 बार किया गया था।
दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश
बता दें कि 11 बैंकों के 50 बैंक खाता ऐसे हैं जिनका एक से अधिक बार इस्तेमाल किया गया है। बैंक खातों का इस्तेमाल 30 से लेकर 96 बार तक किया गया है। जानकारी के मुताबिक अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल कर इस योजना के लाभ के लिए आवेदन किया गया था। वहीं सभी आवेदनकर्ताओं के उपनामों में मुर्मू, हांसदा, मंडल शब्द को जोड़ा गया। जानकारी के मुताबिक, 31 अक्तूबर एवं 1 जनवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किया गया था। जानकारों का कहना है कि सॉफ्टवेयर में हुई गड़बड़ी के कारण ऐसा देखने को मिला है। वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि अभी तक इन फर्जी आवेदनों से कोई भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।