Originally Fact Checked by PTI: सोशल मीडिया पर टीपू सुल्तान की झांकी की एक तस्वीर तेजी से शेयर हो रही है। तस्वीर को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे है कि इस बार गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर कर्त्तव्य पथ पर कर्नाटक की ओर से टीपू सुल्तान को दर्शाते हुए झांकी निकाली गई।
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह दावा फर्जी साबित हुआ है। जांच में पता चला कि 2014 में गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई झांकी को इंटरनेट यूजर्स इस साल यानि 2025 के गणतंत्र की झांकी बताकर शेयर रहे हैं। बता दें कि इस साल कर्नाटक ने अपनी झांकी में लक्कुंडी के कलात्मक मंदिरों को दर्शाया था।
दावा:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर यूजर मोहम्मद अनीस मंसूरी ने 26 जनवरी 2025 को एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, अंग्रेजी में लिखा, “गणतंत्र दिवस परेड का सबसे शक्तिशाली और सबसे आइकॉनिक मूवमेंट। टीपू सुलतान। #26January2025” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
गणतंत्र दिवस में निकाली गई झांकी का फैक्ट चेक
वहीं, एक अन्य यूजर ने फेसबुक पर 27 जनवरी 2025 को समान दावे के साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया। पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर
पड़ताल:
दावे का सच जानने के लिए पीटीआई फैक्ट डेस्क ने वायरल तस्वीर को गूगल लेंस के जरिए रिवर्स इमेज सर्च किया। जहां हमें ‘NDTV’ की इंग्लिश वेबसाइट पर 27-1-2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस खबर में वायरल तस्वीर का विजुअल मौजूद था। NDTV ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, “टीपू सुल्तान को लेकर सोशल मीडिया बहस हो रही है। गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की झांकी में 18वीं सदी के इस शासक को तलवार पकड़े हुए दिखाया गया, जिसमें उन्हें ब्रिटिशों से लड़ते हुए मरने वाला नायक बताया गया।
जैसे ही यह झांकी राजपथ पर उतरी, ट्विटर पर समर्थन और विरोध में टिप्पणियों की बाढ़ आ गई। आलोचकों का कहना है कि हजारों लोगों की हत्या करने वाले ‘क्रूर शासक’ को महिमामंडित करना गलत है, जबकि समर्थकों ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बताया।” रिपोर्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखे
एनडीटी में प्रकाशित रिपोर्ट
डेस्क ने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए संबंधित कीर्वड से सर्च किया जहां हमें 26 जनवरी 2014 को दूरदर्शन नेशनल यूट्यूब पर मूल वीडियो अपलोड हुआ मिला, जिसका शीर्षक था: "65वां गणतंत्र दिवस परेड - 26 जनवरी 2014 - लाइव"। वीडियो में 1:59:31 के समय पर कर्नाटक की झांकी में टीपू सुल्तान को साफ देखा जा सकता है। वीडियो का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें
दूरदर्शन में दिखाई गई झांकी
पड़ताल के अगले क्रम में डेस्क ने इस साल कर्नाटक की ओर से निकाली गई झांकी का वीडियो संबंधित कीर्वड से सर्च किया जहां हमें इस साल 26 जनवरी 2025 को संसद टीवी पर अपलोड किया वीडियो मिला, वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इस साल कर्नाटक ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर टीपू सुल्तान को नहीं, बल्कि लक्कुंडी के कलात्मक मंदिरों को दर्शाया था। जिसे 'पत्थर की शिल्पकला की जन्मस्थली' के रूप में जाना जाता है। वीडियो का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
यूट्यूब पर झांकी की लाइव स्ट्रीमिंग
इसके अलावा, डेस्क को गणतंत्र दिवस परेड 2025 से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया कि 76वें गणतंत्र दिवस परेड में रविवार को कर्नाटक की झांकी में ऐतिहासिक शहर लक्कुंडी के शानदार और कलात्मक मंदिरों को दर्शाया गया। इन रिपोर्ट्स में टीपू सुल्तान का कोई उल्लेख नहीं था। ऐसी ही एक रिपोर्ट पीटीआई की थी, जिसे हिंदुस्तान टाइम्स ने 26 जनवरी 2025 को प्रकाशित किया। रिपोर्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट
नीचे 2014 में निकाली गईं परेड और हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है पोस्ट की तुलना की गईं है, जिसमें साफ नजर आ रहा हैं कि इन दोनों तस्वीरों में कोई अंतर नहीं है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई
डेस्क ने अपनी पड़ताल में पाया कि टीपू सुल्तान की झांकी की वायरल तस्वीर 2014 गणतंत्र दिवस परेड की है, जिसे सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ यूजर्स इस साल का बताकर शेयर कर रहे हैं।
दावा
इस साल कर्नाटक की गणतंत्र दिवस की झांकी में टीपू सुल्तान को दिखााया गया।
तथ्य
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल सोशल मीडिया पोस्ट भ्रामक निकला।
निष्कर्ष
डेस्क ने अपनी पड़ताल में पाया कि टीपू सुल्तान की झांकी की वायरल तस्वीर 2014 गणतंत्र दिवस परेड की है, जिसे सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ यूजर्स इस साल का बताकर शेयर कर रहे हैं।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से PTI News द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)