Last Updated:January 22, 2025, 10:13 IST
Quilt Shop successful Madhubani मधुबनी जिले में इस दुकान पर रजाई का काम कई सालों से होता हुआ आ रहा है, इनकी हाथों से बनी रजाई की डिमांड काफी ज्यादा है.
रजाई बुनते हुए
मधुबनी:- अगर आप हाथ से बनी रजाई ज्यादा पसंद करते हैं, तो आज हम आपको मधुबनी की ऐसी दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हाथों से बनी रजाई की इतनी डिमांड है, कि दुकान मालिक को ऑर्डर लेने का समय नहीं बचता है. दरअसल मधुबनी जिले के नारायणपुर में मोहम्मद रिजवान मोहम्मद मुनाई के बेटे हैं, जो एक रजाई, तकिया आदि बुनाई- धुनाई का काम करते है. इन्होंने अपने पिता से हाथ की कलाकारी सीखी है. ये काम इनकी पीढ़ियों से चला आ रहा है. मोहम्मद रिजवान आज भी रजाई की मशीन से नहीं बल्कि पुराने तरीके हाथ से ही बुनाई कर अच्छी कमाई करते हैं .उनके पास समय नहीं बचता कि वे और ऑर्डर ले सकें. लोगों के बीच आज भी मशीन से बनी रजाई से ज्यादा हाथों से बनी रजाई की ज्यादा डिमांड है. इसकी एक वजह है इसकी मजबूती. इसके साथ ही ये हाथ से रुई धुनाई का काम भी सिखाते हैं.
मशीन का नहीं करते हैं उपयोग
लोकल 18 से बात करते हुए वे बताते हैं, कि रुई को हाथों से धुन कर रजाई , तकिया आदि उपयोग होने वाले सामान को बिना किसी मशीन का उपयोग करते हुए बनाते हैं. ये काम आज से नहीं 100 वर्षों से होते आ रहा है. वे कहते हैं, कि मेरे दादा ने अपने पिता से सीखा है, और मेरे पापा ने मेरे दादा से, और मैंने अपने पिता जी से सीखा है. हम पुरानी विरासत को संभाल कर रखने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि ये जीवित रहे.
हाथ से बनाने में लगता है ज्यादा समय
आगे मोहम्मद रिजवान और उनके पिता मोहम्मद मुनाई यह भी बताते हैं, कि हाथों से बनी रजाई ज्यादा टिकाऊ होती है . आज के समय में लोग मेहनत नहीं करना चाहते हैं , और समय की बचत के लिए मशीन का उपयोग करते है. वैसे हमारे पास मशीन भी है, अगर जिनको मशीन से जरूरत होती है, तो हम मशीन से बनी रजाई, और कंबल देते हैं, लेकिन अधिक डिमांड आज भी हमारे पास हाथ से बनी रजाई, तकिया और बाकी घर में उपयोग होने वाली चीजों की आती है. वे कहते हैं, कि इसमें थोड़ा समय लगता है. अगर मशीन से एक रजाई बनाने में 1 घंटे का समय लगता है, तो हाथ से उसको 2 घंटे का समय लगता है, लेकिन यह उससे 5- 6 साल अधिक टिकाऊ होती है, साथ ही ज्यादा मजबूती से सिलाई होती है.
Location :
Madhubani,Bihar
First Published :
January 22, 2025, 10:13 IST