Last Updated:February 06, 2025, 16:11 IST
SWAYAM : स्वयं पोर्टल को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सभा में अहम जानकारी दी है.राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने बताया कि स्वयं पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स में से 4 फीसदी से...और पढ़ें
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SWAYAM : स्वयं पोर्टल की शुरुआत साल 2017 में हुई थी.
हाइलाइट्स
- स्वयं पोर्टल पर 4% से कम छात्र ही कोर्स पूरा करते हैं.
- पुरानी सामग्री और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर से छात्रों को शिकायतें हैं.
- फ्री कोर्स के बावजूद स्वयं पोर्टल पर छात्रों की भागीदारी कम है.
SWAYAM : साल 2017 में मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने फ्री में स्किल बेस्ड कोर्स के लिए SWAYAM पोर्टल लॉन्च किया था. इस पर ई-ट्यूटोरियल, ई-कंटेंट, डिस्कशन फोरम और सेल्फ असेसमेंट के जरिए पढ़ने का मौका मिलता है. सरकार ने बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में बताया है कि SWAYAM पोर्टल पर एनरोलमेंट कराने वाले स्टूडेंट्स में से 4% से कम स्टूडेंट्स ने कोर्स पूरा किया. स्वयम पोर्टल को लेकर छात्रों की कई शिकातें हैं, जिसमें आउटडेटेड कंटेंट, इनफ्लेक्सिबल टीचिंग और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं.
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है कि शिक्षा के मामले में डिजिटल पहल से जुड़ाव के मामले में सिर्फ ठंडी प्रतिक्रिया ही मिलेगी. जब तक कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्लेसमेंट में सक्रिय रूप से सहायता नहीं करता. या रिक्रूटर्स को स्टूडेंट्स से जोड़ने के लिए स्वयम से जुड़ा एक प्लेटफॉर्म स्थापित नहीं करता.
फ्री हैं स्वयं पर कोर्स
शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति ने मंगलवार को राज्यसभा में “डीम्ड, निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा मानकों, मान्यता प्रक्रिया, अनुसंधान, परीक्षा सुधार और शैक्षणिक वातावरण की समीक्षा” पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. बता दें कि SWAYAM प्लेटफॉर्म पर कक्षा 9 से लेकर पीजी तक की कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले कोर्स की होस्टिंग की सुविधा है. जिसे कोई भी व्यक्ति, कहीं भी, कभी भी पढ़ सकता है. सभी कोर्स इंटरैक्टिव हैं और फ्री हैं.
स्वयं पोर्टल को लेकर शिकायतों का अंबार
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि समिति का मानना है कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी (NDU) राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप समावेशी, लचीली और सस्ती शिक्षा का वादा करती है. हालांकि इसकी नींव स्वयम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें पुरानी सामग्री, टीचिंग का लचीला न होना और खराब बुनियादी ढांचा शामिल है. शिक्षकों ने भी अपर्याप्त प्रशिक्षण, कम पारिश्रमिक और तकनीकी दिक्कतों के बारे में शिकायतें की हैं. जिससे उनकी कार्यकुशलता कम हो रही है. समिति ने कहा है कि ऑनलाइन मॉडल में 1:15 शिक्षक-छात्र अनुपात की अनदेखी की जाती है, जिससे वर्चुअल कक्षाओं में भीड़भाड़ हो जाती है.
सिर्फ 4% एससी/एसटी स्टूडेंट्स के पास इंटरनेट वाला कंप्यूटर
समिति ने ऑक्सफैम इंडिया 2022 की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सिर्फ 4 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग के 7 फीसदी स्टूडेंट्स के पास ही इंटरनेट इनेबल्ड कंप्यूटर है. जो नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी के समानता के दावे पर सवाल खड़े करता है. समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि विभाग को समाज के वंचित वर्गों के छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक अलग प्रकोष्ठ स्थापित करने पर विचार करना चाहिए. ताकि उनके नामांकन और प्रगति की भी सावधानीपूर्वक निगरानी की जा सके.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 06, 2025, 16:11 IST