योगर्ट और दही को एक चीज तो नहीं समझते न आप? हड्डियां और गट हेल्थ बनाए मजबूत

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Last Updated:February 06, 2025, 16:23 IST

Explainer- कुछ साल पहले लोगों के बीच योगर्ट काफी तेजी से पॉपुलर होने लगा. कुछ लोग इसे दही मानते हैं लेकिन यह दही नहीं है.पश्चिमी देशों में लोग दही की जगह योगर्ट ही खाना पसंद करते हैं.

योगर्ट और दही को एक चीज तो नहीं समझते न आप? हड्डियां और गट हेल्थ बनाए मजबूत

योगर्ट खाने से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है (Image-Canva)

भारत में हर अच्छे काम को करने से पहले दही और चीनी खाने का रिवाज है.लेकिन विदेशों में दही इतनी पसंद नहीं की जाती. वहां लोग योगर्ट को खाना पसंद करते हैं. बहुत से लोग दही और योगर्ट को एक ही समझते हैं लेकिन दोनों में बहुत फर्क है. योगर्ट को डेजर्ट यानी मीठे के तौर पर भी खाया जाता है. कुछ लोग फ्रोजन योगर्ट की आइसक्रीम से भी तुलना करते हैं. 6 फरवरी को International Frozen Yogurt Day है. इस मौके पर जानते हैं योगर्ट की कहानी:

योगर्ट दही से अलग तरीके से बनता है
योगर्ट और दही भले ही दिखने में एक जैसे हों लेकिन इन्हें बनाने का तरीका बेहद अलग है. दही को बनाने के लिए दूध में नींबू का रस या सिरका मिलाया जाता है ताकि दूध फट जाए और फर्मेंट होकर दही बन जाए. दही लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया की मदद से बनता है जिससे उसका मोटा टेक्सचर दिखता है. वहीं योगर्ट भी फर्मेंटेड दूध से बनता है लेकिन इसमें लैक्टोबैसिलस बुल्गेरिकस और स्ट्रेप्टोकोकस थर्मोफिलस नाम के जिंदा बैक्टीरिया डाले जाते हैं. ये बैक्टीरिया दूध में मौजूद शुगर के साथ रिएक्ट करते हैं जिससे लैक्टिक एसिड बनता है जो बाद में प्रोटीन के साथ रिएक्ट करता है और योगर्ट बनता है. योगर्ट को घर पर नहीं बनाया जा सकता. इसे कर्मशल ब्रिकी के लिए बनाया जाता है.

हजारों साल से योगर्ट का चलन
योगर्ट की आज भले ही जमकर मार्केटिंग होती है लेकिन लोग इसे 7 हजार साल पहले से खा रहे हैं. माना जाता है कि जो बैक्टीरिया योगर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल होता है, वह पेड़-पौधों में पाया जाता है.जब गाय-भैंस पेड़-पौधे खाते हैं तो वह उनके दूध में मिल जाता है. योगर्ट खाने के पहली बार सबूत मध्य एशिया और मेसोपोटामिया में मिले. प्राचीन यूनान में योगर्ट को इतना खाया गया कि आज वह ग्रीक योगर्ट के नाम से दुनियाभर में मशहूर है. वहां योगर्ट को शहद के साथ खाया जाता था. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि मुगल बादशाह अकबर भी योगर्ट के दीवाने थे. वह इसमें सरसों के बीज और दालचीनी डालकर खाते थे.

योगर्ट प्रोटीन से भरपूर होता है इसलिए इसे खाने के बाद भूख लंबे तक नहीं लगती (Image-Canva)

फ्रोजन योगर्ट ने दी आइसक्रीम को टक्कर
योगर्ट कई फ्लेवर में आता है. इसके अलग-अलग तरह के फ्लेवर इसे बेहतरीन डेजर्ट बनाते हैं. योगर्ट को फ्रोजन करके आइसक्रीम की तरह बेचने का सिलसिला अमेरिका से शुरू हुआ. 1970 में एच. पी. हूड नाम के व्यापारी ने पहली बार फ्रोजन डेजर्ट बनाई. इसे सॉफ्ट आइसक्रीम की तरह बनाया गया और फ्रोगर्ट नाम दिया गया. 1980 के दशक में यह अमेरिका में तेजी से पॉपुलर हो गया और लोग इसे आइसक्रीम की जगह खाने लगे. दरअसल फ्रोजन योगर्ट में कम कैलोरी और कम फैट होता है. इसकी इसी खूबी ने इसकी बिक्री बढ़ाई.

जिन्हें दूध सूट नहीं करता, वह योगर्ट खाएं
कुछ लोगों का दूध, दही, पनीर समेत कई तरह के डेयरी प्रोडक्ट खाने से पेट खराब हो जाता है. दरअसल वह लैक्टोज इनटॉलेरेंस के शिकार होते हैं. लैक्टोज एक केमिकल होता है जिसकी वजह से दूध में नेचुरल मिठास होती है. कुछ लोगों का गट लैक्टोज को पचा नहीं पाता है. जो लोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस के शिकार होते हैं, वह योगर्ट खा सकते हैं क्योंकि इसमें इसकी मात्रा बेहद कम होती है. ऐसे लोग ग्रीक योगर्ट बेफिक्र होकर एंजॉय कर सकते हैं.

ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
योगर्ट कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और विटामिन B12 से भरपूर होता है. योगर्ट खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और वजन भी तेजी से कम होता है. इससे स्किन भी बेदाग और हेल्दी बनती है.

योगर्ट में कैल्शियम ज्यादा होता है जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं (Image-Canva)

गट हेल्थ के लिए फायदेमंद
योगर्ट एक बेहतरीन प्रोबायोटिक है. गट हेल्थ कोच पायल कोठारी कहती हैं कि शरीर में अधिकतर बीमारियां गट हेल्थ खराब होने की वजह से होती हैं. गट यानी आंतों में माइक्रोबायोटा नाम के गुड बैक्टीरिया होते हैं जो बॉडी के मेटाबॉलिज्म और हॉर्मोन्स को बैलेंस करते हैं. अगर गट ठीक से काम ना करे तो इंसान की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है. खाने में अगर प्रोबायोटिक फूड लिया जाए तो गट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया हेल्दी रहते हैं. योगर्ट खाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसमें कोई केमिकल ना हो. योगर्ट को ब्रेकफास्ट में खाना बहुत अच्छा होता है. इसमें कुछ फल या ड्राई फ्रूट्स डालकर खाए जा सकते हैं. योगर्ट को सलाद की ड्रेसिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

मूड को बनाए खुश
योगर्ट दिखने में जितनी सुंदर होती है, खाने में उतनी ही टेस्टी होती है. इसे खाने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन. इस वजह से इंसान का तनाव दूर होता है और वह खुश रहने लगता है. मेडिकल न्यूज टूडे में छपी एक स्टडी के मुताबिक रोज 100 ग्राम योगर्ट खाने से तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी बीमारियां दूर रहती हैं.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 06, 2025, 16:23 IST

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