Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 04, 2025, 14:10 IST
Rainwater-Harvesting Tips: बारिश के पानी का एक छोटा सा हिस्सा ही हमे इस्तेमाल के लिए मिल पाता है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग से हम बारिश के पानी की एक-एक बूंद को सहेज सकते हैं. झांसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जरू...और पढ़ें
प्रतीकात्मक फोटो
झांसी: रेन वाटर हार्वेस्टिंग मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत है. तेजी से गिरते जल स्तर को ठीक करने के लिए यह बेहद जरूरी होता है. जो लोग अपना नया घर बनवाते हैं, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कहा जाता है. मॉडर्न घरों में यह प्रक्रिया कैसे स्थापित करें यह जानने के लिए लोकल 18 ने जानी मानी आर्किटेक्ट और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर विभाग की अध्यक्ष डॉ. सोमा मिश्रा से बात की.
सदियों पुरानी है प्रक्रिया
डॉ. सोमा मिश्रा ने बताया कि हमारे देश में पुराने समय से वाटर रीचार्जिंग की प्रक्रिया रही है. पहले घर के पास छोटे छोटे तालाब बनाए जाते थे. इनमें पानी भरा जाता था. हड़प्पा सभ्यता में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जाती रही है. मॉडर्न घरों में यह नहीं किया जा रहा है. इस वजह से बारिश का पानी बहकर नदियों में चला जाता है और फिर समुद्र में जाने के बाद किसी काम का नहीं रह जाता है. हमारे घर में यह काम बहुत आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होता है.
इन बातों का रखें ध्यान
घर के पास जो जगह हो उस पर पत्थर ना लगाएं. इससे जमीन आसानी से रिचार्ज हो जाता है. घर के पास एक नाली बनाएं. इसके ऊपर जाली लगाएं जिससे सिर्फ पानी ही अंदर जा पाए. पत्थर भी लगाएं जिससे पानी फिल्टर हो सके. आप रूफटॉप वॉटर हार्वेस्टिंग भी कर सकते हैं और घर के पास भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा सकते हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें.
Location :
Jhansi,Jhansi,Uttar Pradesh
First Published :
February 04, 2025, 14:10 IST