विश्लेषण: दिल्ली में आप की हार का पंजाब में उसकी सरकार पर क्या पड़ेगा असर

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Last Updated:February 08, 2025, 11:06 IST

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की सरकार बुरी पराजय की ओर बढ़ती लग रही है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. क्या दिल्ली की हार का वहां आप की सरकार पर कोई असर पड़ेगा.

 दिल्ली में आप की हार का पंजाब में उसकी सरकार पर क्या पड़ेगा असर

हाइलाइट्स

  • दिल्ली में हार से पंजाब में आप की सरकार पर असर पड़ेगा
  • पंजाब में गुटबाजी और असंतोष बढ़ने की संभावना
  • आप के राष्ट्रीय विस्तार को झटका लग सकता है

दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बुरी तरह हारती हुई लग रही है. पिछले चुनावों में जहां उसने 65 सीटें जीती थीं तो इस बार वह उसके आधे पर भी नहीं पहुंचने वाली. चूंकि आप की जड़ें दिल्ली में ही रही है, लिहाजा इसकी हार का असर उसकी देशव्यापी सियासत पर पड़ेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि साफतौर पर ये नतीजे आप की पंजाब सरकार पर जरूर असर डालने वाले हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की संभावित हार का पंजाब सरकार पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है. दिल्ली में हार से आप की पंजाब सरकार पर संकट के बादल यूं तो नहीं छाने वाले लेकिन गुटबाजी, असंतोष, तोड़फोड़ जरूर बढ़ेगी, इससे इनकार ही नहीं किया जा सकता. फिर दिल्ली की हार के बाद आप के केंद्रीय नेतृत्व का दखल भी पंजाब सरकार में बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

पंजाब विधानसभा में आप के पास कितनी सीटें
पंजाब विधानसभा में कुल 117 सीटें हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 92 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे उसे स्पष्ट बहुमत मिला. कांग्रेस को 18 सीटें मिलीं, जबकि शिरोमणि अकाली दल (SAD) को 3, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2, और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को 1 सीट मिली. इस तरह देखें तो आप की पंजाब सरकार को कोई सीधा संकट नहीं है लेकिन उसका मनोबल जरूर बुरी तरह टूटेगा. वह अब ना केवल केंद्र सरकार के सीधे निशाने पर होगी तो आप का नेतृत्व दिल्ली खोने के बाद पंजाब में दखंलदाजी बढ़ा सकता है. इससे भी असंतोष पैदा होने की उम्मीद है.

पंजाब में असंतोष और गुटबाजी 
आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार में गुटबाजी और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व को लेकर असंतोष की खबरें समय-समय पर सामने आती रही हैं. पार्टी के आंतरिक कलह और नेतृत्व के प्रति असंतोष के कारण पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष की खबरें आई हैं. पार्टी के कुछ सदस्यों ने नेतृत्व के फैसलों और कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, जिससे आंतरिक कलह की स्थिति बनी रही है.

क्या आप में आंतरिक संकट गहराएगा
पार्टी के भीतर गुटबाजी के कारण कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया या उन्हें निष्कासित किया गया. इन आंतरिक संघर्षों ने पार्टी की एकता और स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं. अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद ये संकट और गहराएगा. पार्टी के भीतर ना केवल गुटबाजी और बढ़ने वाली है बल्कि असंतोष भी तेज होने वाला है.

क्या केंद्र के भी अब सीधे निशाने पर होगी मान की पंजाब सरकार
जब तक आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार में काबिज थी, तब तक पंजाब के लिए ये मजबूत संकेत था. अब दिल्ली चुनावी नतीजों ने आप के सारे डायनामिक्स को बदल दिया है. ना केवल अरविंद केजरीवाल की पकड़ पंजाब ईकाई और सरकार पर कमजोर होगी बल्कि पंजाब सरकार भी सीधे सीधे केंद्र के निशाने पर होगी. ऐसे में पंजाब इकाई में गुटबाजी और नेतृत्व को लेकर असंतोष की स्थितियां उसके लिए मुश्किलें बढाएंगी ही. ये पार्टी की कार्यक्षमता और छवि को प्रभावित करेंगी.

विपक्ष ज्यादा आक्रमक होगा
दिल्ली में पार्टी के भीतर हार के बाद गुटबाजी तेज हो सकती है, जिससे मान सरकार के खिलाफ विपक्ष और अधिक आक्रामक हो जाएगा. इस हार से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए भविष्य की राह मुश्किल होगी.

उपचुनावों में क्या था प्रदर्शन 
हालांकि, नवंबर 2024 में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें से तीन सीटें पहले कांग्रेस के पास थीं और एक AAP के पास थी. इन उपचुनावों में, AAP ने तीन सीटों (गिद्दरबाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल) पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने बरनाला सीट पर कब्जा किया, जो पहले AAP के पास थी. इन उपचुनावों के बाद, विधानसभा में AAP की सीटों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, क्योंकि उसने जितनी सीटें जीतीं, उतनी ही गंवाई भी. कांग्रेस की सीटों की संख्या में भी कोई बदलाव नहीं हुआ. अन्य दलों की सीटों की संख्या में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ.

आप के राष्ट्रीय विस्तार को झटका
पंजाब में जहां आप सरकार का मनोबल गिरेगा तो उसके राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लक्ष्य को भी झटका लग सकता है. आप की हार का सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को होने की संभावना है, जिससे वह अपने पुराने परंपरागत मुस्लिम और दलित मतदाताओं को आसानी से साध सकेगी. अगर AAP दिल्ली में सत्ता गंवा देती है, तो पार्टी को संसाधनों के पुनर्वितरण पर दोबारा विचार करना पड़ेगा, जिससे पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ सकता है.

क्या दलबदल होगा
AAP का दिल्ली मॉडल उसकी सबसे बड़ी यूएसपी रही है. अगर दिल्ली में हार होती है, तो पार्टी के शासन मॉडल पर सवाल उठ सकते हैं, जिससे पंजाब में भी AAP के खिलाफ माहौल बनने की संभावना बढ़ सकती है. अगर अरविंद केजरीवाल की लीडरशिप पर सवाल उठते हैं, तो भगवंत मान सरकार की स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ सकता है. आप के पंजाब के कई विधायक सत्ता के प्रभाव से जुड़े हो सकते हैं. अगर पार्टी कमजोर होती दिखे, तो कुछ विधायक दल-बदल कर सकते हैं, जिससे सरकार की स्थिरता प्रभावित हो सकती है. हां, अगर पंजाब सरकार अपने वादों (जैसे मुफ्त बिजली, स्कूलों का उन्नयन) को पूरा करने में सफल रहती है, तो दिल्ली की हार का प्रभाव कम होगा.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 08, 2025, 11:04 IST

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