Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 24, 2025, 12:13 IST
इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी हैदराबाद के एक अध्ययन में पाया गया है कि कुछ पेड़ प्रजातियां धूल को पकड़ सकती हैं और निलंबित कणों के प्रति सहनशील हैं.
हैदराबाद शहर में बढ़ते संसाधन के साथ बढ़ रहे हैं धूल और वायु प्रदूषण, जिन्हे नियंत्रण करने के लिए और संभव प्रयास किया जाता है. इस समस्या से लड़ने के लिए एक नया अध्ययन सामने आया है. इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी हैदराबाद के एक अध्ययन में पाया गया है कि कुछ पेड़ प्रजातियां धूल को पकड़ सकती हैं और निलंबित कणों के प्रति सहनशील हैं.
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं बरगद और नीम
संस्थान के दो प्रोफेसरों वैज्ञानिक-डी पंकज सिंह और विज्ञानिक-सी भारती पटेल के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में ‘बरगद’ को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी प्रजाति के रूप में पहचाना गया, जो एक प्रमुख प्रजाति के रूप में कार्य करता है. अन्य प्रजातियां जैसे ‘नीम’और आर्किड पेड़ भी विभिन्न स्थानों में प्रदूषक स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और वायु गुणवक्ता को बनाया रहते है.
कैसे की गई रिसर्च
शहरी वनस्पति और पेड़ आवरण गर्मी की लू, मिट्टी प्रदूषण, वायु और जल प्रदूषण और शोर के प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक हैं. इस अध्ययन के लिए शहर में तीन स्थानों से नमूने एकत्र किए गए. दुलापल्ली, बोल्लाराम और मेडचल राष्ट्रीय राजमार्ग ये क्षेत्र विभिन्न फार्मास्युटिकल, कंक्रीट और पेय उद्योगों का गढ़ माना जाता हैं. इसलिए, औद्योगिक उत्सर्जन और वाहन प्रदूषण से काफी प्रभावित होते हैं. भारती पटेल के अनुसार पांच प्रजातियों में जैव रासायनिक मापदंडों के विश्लेषण से पता चला है कि नीम, बरगद और आर्किड ट्री(कचनार) औद्योगिक क्षेत्र में एवेन्यू वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त हैं. अगर आप इन पेड़ों को ऐसे क्षेत्र में लगाते हैं जहा वायु गुणवक्ता ख़राब है, तो उस क्षेत्र के लिए ये पेड़ संजीवनी साबित हो सकते है.
Location :
Hyderabad,Hyderabad,Telangana
First Published :
January 24, 2025, 12:13 IST
संजीवनी से कम नहीं हैं ये पेड़, वायु प्रदुषण के साथ एयर क्वालिटी करते हैं ठीक