Last Updated:February 12, 2025, 14:56 IST
Anti Sikh Riots Case:1984 सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी ठहराया है. सज्जन कुमार पर जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या का आरोप था. सज्जन कुमार की सजा पर 1...और पढ़ें
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1984 सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी ठहराया है.
हाइलाइट्स
- सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों में दोषी ठहराया गया
- सज्जन पर जसवंत और तरुणदीप सिंह की हत्या का आरोप
- सज्जन कुमार की सजा पर 18 फरवरी को बहस होगी
Anti Sikh Riots Case: दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया गया .सज्जन कुमार पर सिख विरोधी दंगों में पिता-पुत्र की हत्या का आरोप था. सज्जन कुमार की सजा पर 18 फरवरी को बहस होगी. एक नवंबर 1984 को सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़े मामले में सज्जन कुमार आरोपी थे. एक नवंबर 2023 को कोर्ट ने मामले में सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया था. सज्जन कुमार ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया था.
एसआईटी ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार उक्त भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और उसके उकसाने पर भीड़ ने पिता और पुत्र को जिंदा जला दिया था. भीड़ ने पीड़ितों के घर को जला दिया और उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को गंभीर चोटें पहुंचाईं. केवल यही नहीं उनके घरेलू सामान और अन्य संपत्ति को भी नष्ट कर दिया और लूट लिया गया था.
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क्या था पूरा मामला
दरअसल, मामला 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों से जुड़ा हुआ है. क्योंकि इंदिरा गांधी की हत्या उस समय उनकी सुरक्षा में तैनात सिख पुलिसकर्मियों ने की थी, इसलिए उस समय ना केवल राजधानी बल्कि पूरे देश में सिखों के खिलाफ आक्रोश थी. यह मामला एक नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. उस दिन शाम को करीब चार- साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया था. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.
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भीड़ को उकसाने का आरोप
शिकायतकर्ता के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया था. उनके उकसाने के बाद दंगाइयों की भीड़ ने जसवंत सिंह और तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया था. दंगाइयों ने ना केवल हत्या की बल्कि पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को भी अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 14:55 IST