सैफ के हमलावर के पिता ने बांग्लादेश में दिखाया गजब 'सियासी रंग', बेटे को छोड़ो वरना...

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मुंबई:

बॉलीवुड ऐक्टर सैफ अलीखान के बांग्लादेशी हमलावर शरीफुल फकीर पर क्या मामला भारत vs बांग्लादेश वाला हो जाएगा?  बांग्लादेश में शरीफुल के पिता रोहुल अमीन जिस तरह से इसे सियासी रंग देने की कोशिशों में जुटे हैं, उससे यह आशंका लग रही है. अमीन खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं. अमीन ने बेटे को बेकसूर बताते हुए धमकी दी कि वह इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर उठाएंगे. उनके मुताबिक वह देश के एक बड़े नेता के संपर्क में भी हैं. अमीन ने दावा किया कि सीसीटीवी में दिख रहा शख्स उनका बेटा बिल्कुल नहीं है.

सैफ केसः क्या मिस्ट्री बाकी है?

सैफ अली खान पर हाल ही में हुए हमले के आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद के पिता मोहम्मद रोहुल अमीन फकीर ने गुरुवार को कहा कि उसका बेटा निर्दोष है. उन्होंने अपने बेटे का बचाव करते हुए जोर देकर कहा कि उनके बेटे को इस घटना में फंसाया गया है. मोहम्मद रोहुल अमीन फकीर ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे लंबे बालों वाले संदिग्ध की तस्वीरें उनके बेटे से मेल नहीं खाती हैं. हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि शरीफुल इस्लाम ने वारदात को अंजाम देने के बाद अपना हुलिया बदला था. एक सैलून से उसने बाल भी कटवाए थे.  

बांग्‍लादेश से भारत क्‍यों आया आरोपी शरीफुल इस्लाम?

पिता मोहम्मद रोहुल अमीन फकीर ने कहा, 'सीसीटीवी में लंबे बाल वाले एक शख्स को दिखाया गया है. मेरा बेटा कभी भी अपने बाल लंबे नहीं रखता है और मुझे लगता है कि मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि शरीफुल बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के कारण भारत आ गया था. पिता ने आईएएनएस के एक सवाल के जवाब में बताया, 'वह बांग्लादेश छोड़कर भारत आया था और इसकी एक वजह बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति थी. वह भारत में ही काम करता था, जहां उसको सैलरी मिलती थी और मालिक ने उसको पुरस्कार भी दिया था.'

आरोपी के पिता का दावा- भारत में हमें कोई सपोर्ट भी नहीं 

फकीर ने कहा, 'मुंबई के होटल में जो वेतन मिलता है वह पश्चिम बंगाल की तुलना में अधिक है. वहां के होटल काफी बड़े हैं और वहां वेतन भी अधिक है.' पिता ने पुलिस द्वारा संपर्क किए जाने के सवाल पर कहा, 'नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. अभी तक किसी ने मुझसे कोई संपर्क नहीं किया है. हम भारत में किसी को नहीं जानते और भारत में हमें कोई सपोर्ट भी नहीं है.' फकीर ने अपने बेटे के साथ हुई आखिरी बातचीत को याद करते हुए कहा, 'मेरी अपने बेटे से आखिरी बातचीत शुक्रवार शाम को हुई थी. हर महीने उसे 10 तारीख के बाद सैलरी मिलती थी और वह उसके बाद मुझसे बात करता था.'

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