आज तक हमने सिर्फ यहीं सुना था कि बंदर खूब शरारती होते हैं। कभी घर में घुसकर फल और खाना उठा ले जाते हैं। तो कभी किसी का चश्मा लेकर भाग जाते हैं, कई बार तो ये भी सुना है कि किसी बंदर की वजह से पूरा मोहल्ला परेशान हो चुका है। लेकिन इस बार मामला कुछ बड़ा था। इतना बड़ा कि इसने पूरे देश को चपेट में ले लिया और देश का हर एक नागरिक सिर्फ एक बंदर की वजह से परेशान हो गया।
दरअसल, 9 फरवरी को श्रीलंका की बिजली सप्लाई अचानक से ठप्प हो गई। पूरे देश में अंधेरा छा गया। देश की जनता गर्मी से परेशान हो गई। इंटरनेट से लेकर पानी तक की सप्लाई बंद हो गई। लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे। लोगों को लगा कि शायद कोई हमला तो नहीं हो गया। या फिर किसी ने साइबर अटैक तो नहीं कर दिया। लेकिन इन सबसे पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि एक बंदर था।
अब इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन इतिहास गवाह है कि श्रीलंका और बंदरों का बेहद ही पुराना नाता रहा है। त्रेतायुग में बंदर रूपी हनुमान जी ने रावण की लंका को जलाकर राख कर दिया था। तो वहीं, अब इस कलयुग में एक बार फिर से एक बंदर ने श्रीलंका की फिर से लंका लगा दी। इन दोनों घटनाओं में अंतर बस इतना है कि पहली घटना हनुमान जी की इच्छा से हुई थी तो दूसरी घटना ए बंदर की गलती से।
श्रीलंका के उर्जा मंत्री कुमारा जयकोडी ने बताया कि कोलंबो के पास एक बंदर इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन में घुस गया और सधे ग्रीड ट्रासफॉर्मर से टकरा गया। बस फिर क्या था, पूरा सिस्टम हिल गया और श्रीलंका अंधेरे में डूब गया। इंजीनियरों ने तुरंत रिपेयरिंग शुरू की लेकिन 3 घंटे के बाद भी देश में बिजली नहीं आई। बत्ती गुल होने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर हंगामा करना शरू कर दिया। एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए लोगों से पूछा कि क्या पूरे देश में लाइट गई है या सिर्फ मेरे घर की। दूसरे ने लिखा- अब तो बंदर भी हमें सबक सिखा रहे हैं। तीसरे ने लिखा- इस बंदर को गिरफ्तार करो और उससे बिजली का बिल भरवाओ, हम पैसा नहीं देंगे इस बार।
कई लोगों ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए लिखा- इतना बड़ा ग्रीड है और उसे सिर्फ एक बंदर कैसे गिरा सकता है। भला आपलोगों की ये कैसी सिक्योरिटी है। खैर ये मजाक तो होते रहा लेकिन इस ब्लैकआउट की वजह से पूरा श्रीलंका परेशान हो गया। हलां कि ये कोई पहली बार नहीं है जब श्रीलंका में पॉवरकट हुआ है। लेकिन किसी बंदर की वजह से बत्ती का गुल होना पहली बार हुआ है।
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