Hassan Nasrallah Funeral: इजरायल के हमले में बीते साल मारे गए हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ हसन नसरल्लाह को दूसरी बार 23 फरवरी को दफन किया जाएगा। नसरल्लाह को इजरायल ने 27 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में हवाई हमले में मार गिराया था। अब हसन का अंतिम संस्कार सार्वजनिक तौर पर किया जाएगा। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह के मौजूदा चीफ नईम कासिम ने टीवी पर दिए एक भाषण में तारीख का ऐलान किया है। कासिम ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों से हालात ऐसे नहीं थे कि नसरल्लाह को दफनाया जा सके।
इजरायल ने किया था ढेर
गौरतलब है कि, इजरायल ने नसरल्लाह को मारने के लिए 80 टन के बम का इस्तेमाल किया था। इजरायली हमले के 20 घंटे बाद नसरल्लाह की डेड बॉडी मिली थी। उसके शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक नसरल्लाह की मौत बम धमाके के झटके से हुई थी।
हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ हसन नसरल्लाह की तस्वीर
शिया परिवार में हुआ था नसरल्लाह का जन्म
हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को एक गरीब शिया परिवार में हुआ था। वह 9 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। उसके पिता लेबनान की राजधानी बेरूत के शारशाबुक इलाके में रहते थे। वो फल-सब्जी बेचकर परिवार का गुजरा करते थे। नसरल्लाह की शुरुआती पढ़ाई बेरूत में एक ईसाई इलाके में हुई। वह बचपन से ही धार्मिक चीजों में दिलचस्पी लेता था। वह ईरान के इमाम सैयद मूसा सदर से बेहद प्रभावित था।
1992 में संभाली हिजबुल्लाह की बागडोर
नसरल्लाह ने 1992 में अब्बास मुसावी की हत्या के बाद हिजबुल्लाह की बागडोर संभाली थी। अगले तीन दशकों में उसने समूह को एक बड़ा संगठन बना दिया, जिसकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ थी। नसरल्लाह की देखरेख में यह संगठन एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा। इसने सीरिया से लेकर यमन तक के संघर्षों को प्रभावित किया। नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह की सैन्य ताकत बढ़ी और राजनीतिक रूप से भी संगठन सशक्त हुआ। इसने इराक और यमन में हमास जैसे समूहों को मिसाइल, रॉकेट और हथियार मुहैया कराने में मदद की।
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