![केजरीवाल पर इंडिया महागठबंधन का तंज](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग के बाद वोटों की गिनती जारी है। मतगणना में भाजपा बड़ी जीत की ओर अग्रसर दिख रही है तो वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को करारा झटका मिलता दिखाई दे रहा है। आप को मिल रही हार के बाद विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने केजरीवाल पर करारा हमला बोला है और इस हार के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला था। जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों पर तंज कसा... और लड़ो, एक दूसरे को खत्म कर दो।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का बड़ा बयान
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को एनडीटीवी से कहा कि आम आदमी पार्टी को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि, हम उपजाऊ राजनीतिक गढ़ों की तलाश करेंगे और जीतने की कोशिश करेंगे। दिल्ली एक ऐसी जगह है जहां हम 15 साल सरकार में रहे। श्रीनेत ने फिर से दोहराया, "हमारी जिम्मेदारी आप को जिताना नहीं है।"
उन्होंने कहा, ''उस तर्क के अनुसार...अरविंद केजरीवाल अकेले चुनाव लड़ने के लिए गोवा, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड गए। गोवा और उत्तराखंड में, हमारे और भाजपा के बीच वोट-शेयर का अंतर बिल्कुल वही था जो आप को मिला था। अगर वो विपक्षी गठबंधन के साथ होते तो भाजपा हार सकती थी।''
बता दें कि गोवा में बीजेपी को 40.3 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 13.5 फीसदी और आप को 12.8 फीसदी वोट मिले थे। उत्तराखंड में बीजेपी को 44.3 फीसदी, कांग्रेस को 37.9 और आप को 4.82 फीसदी वोट मिले थे।
भाजपा को हराने के लिए बना था इंडिया गठबंधन
श्रीनेत की तीखी टिप्पणी इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व को लेकर कांग्रेस की आलोचना के बीच आई हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट करना था। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ है; जून 2023 में इंडिया गठबंधन का गठन हुआ जो भाजपा पर लगाम लगाने में विफल रहा। तब से हुए 13 राज्यों के चुनावों में कांग्रेस पार्टी (या सहयोगी) ने तो कई जगहों पर बहुमत हासिल किया लेकिन पिछले साल हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली बड़ी हार से पार्टी को करारा झटका लगा।
इंडिया गठबंधन में दरार से मिली हार
हर राज्य में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के सहयोगियों - यानी, उद्धव ठाकरे की शिव सेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, और AAP के बीच दरार की चर्चा के कारण कांग्रेस के नेतृत्व को और अधिक सुर्खियों में लाया गया। दिल्ली चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के बीच की यह दरार सबके सामने आ गई, दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेता - कांग्रेस से राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल - ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा।
दिल्ली में भिड़े राहुल और केजरीवाल
राहुल गांधी ने केजरीवाल और आप पर कई हमले किये, जिसमें उन पर भाजपा की हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को आपूर्ति किये जाने वाले यमुना जल में "जहर" मिलाने का आरोप लगाना भी शामिल था। कांग्रेस नेता ने कथित शराब नीति घोटाले को लेकर भी आप पर हमला बोला। इस बीच, AAP ने यह दावा करते हुए पलटवार किया कि भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के साथ 'मिली हुई' हैं और वे 'जनता की सरकार' को हराने की साजिश कर रही हैं और उसी दरार की चर्चा आज सुबह फिर से सुर्खियों में छाई रही जब जब भाजपा को बड़ी बढ़त मिली।
इसके बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी को किसी अन्य के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, और अरविंद केजरीवाल के खराब शासन या गलत कदमों के लिए जनता नकार देगी। ऐसा ही हुआ भी, खुद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए।
उमर अब्दुल्ला ने किया था तंज
इंडिया ब्लॉक के एक अन्य सदस्य - जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला -ने गठबंधन पर तंज कसते हुए ट्वीट किया। अब्दुल्ला और उनकी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पिछले साल के जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उन्हें मदद की ज़रूरत नहीं पड़ी थी, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन किया था और अपने दम पर जीत हासिल की थी।
संजय राउत ने भी कही ये बात
वहीं महाराष्ट्र शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी कहा था कि हम भी पहले दिन से यही कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों भाजपा को हराने के लिए लड़ रही थी लेकिन अलग-अलग लड़ रही थी, अगर एक साथ होते तो शायद चुनाव के नतीजे कुछ और होते। कांग्रेस ने खाता खोल दिया लोग खाता खोलने के लिए ही चुनाव में उतरते हैं।
एग्जिट पोल ने इस दिल्ली चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी, जिसे आम आदमी पार्टी ने खारिज कर दिया था और कहा था कि वह दिल्ली में लगातार तीसरी बार अकेले सरकार बनाएगी।हालांकि, भाजपा ने जीत का परचम लहरा दिया है और नतीजा सबके सामने है।