देश की चौथी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी विप्रो को अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 10,000 से 12,000 छात्रों की भर्ती की उम्मीद है। विप्रो ने शुक्रवार को अपने दिसंबर तिमाही के आंकड़ों की घोषणा की। कंपनी ने अमेरिका में एच-1बी वीजा व्यवस्था में होने वाले बदलावों के बारे में किसी भी चिंता को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि उसके कर्मचारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अमेरिका में लोकल है। विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ गोविल ने कंपनी के तिमाही आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा, “हम बड़ी संख्या में लोगों को नियुक्त कर रहे हैं, जो अमेरिका में लोकल हैं और आज अमेरिका में हमारे कर्मचारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लोकल है।"
हर तिमाही में 2,500-3,000 फ्रेशर्स की होगी भर्ती
गोविल ने कहा, "हमारे पास एच-1बी वीजा का अच्छा भंडार है, इसलिए हम जब भी आवश्यकता होगी लोगों को ट्रांसफर कर सकते हैं। यदि मांग बढ़ती है, तो आपूर्ति पक्ष हमारे लिए बाधा नहीं बनेगा।” विप्रो के कर्मचारियों की संख्या में चालू वित्त वर्ष (2024-25) की तीसरी तिमाही में 1,157 की कमी आई। वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कर्मचारियों की संख्या 2,32,732 रही, जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 2,33,889 और वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर तिमाही में 2,39,655 थी। गोविल ने कहा कि कंपनी ने अपने सभी लंबित प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है। कंपनी हर तिमाही में 2,500-3,000 ‘फ्रेशर्स’ को शामिल करना जारी रखेगी। इसका मतलब है कि हर वित्त वर्ष में 10,000-12,000 ‘फ्रेशर्स’ को शामिल किया जाएगा।
शेयर में गिरावट
आईटी कंपनी विप्रो के शेयर हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए। कंपनी का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 2.15 फीसदी या 6.20 रुपये की गिरावट के साथ 281.85 रुपये पर बंद हुआ। इसका 52 वीक हाई 319 रुपये और 52 वीक लो 208 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 2,95,092.34 करोड़ रुपये है।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)