कर्ज हो गया लेकिन हार नहीं मानी, 60 की उम्र में दादा-दादी ने कमाल कर दिया!

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Last Updated:January 18, 2025, 10:46 IST

Inspiring Story: जामनगर में एक बुजुर्ग जोड़ी ने संघर्षों को हराकर मेहनत और लगन से अपनी अलग पहचान बनाई है. उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा सफलता की मिसाल है और हर उम्र के लोगों को नई शुरुआत का संदेश देती है.

कर्ज हो गया लेकिन हार नहीं मानी, 60 की उम्र में दादा-दादी ने कमाल कर दिया!

जामनगर के 60 वर्षीय मगनभाई बामनिया ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है. जीवन में कई असफलताओं के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और सफलता की नई इबारत लिखी. मगनभाई और उनकी पत्नी ने मिलकर पानीपुरी का व्यवसाय शुरू किया, जो आज पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुका है.

वडोदरा से जामनगर तक का सफर
मगनभाई का सफर वडोदरा से शुरू हुआ, जहां उन्होंने 20 साल तक फर्साण का व्यवसाय किया. लेकिन आर्थिक मंदी ने उन्हें वडोदरा छोड़ने पर मजबूर कर दिया. जामनगर आने के बाद उन्होंने नाश्ते का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन यह भी असफल रहा. आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पानीपुरी का काम शुरू करने का फैसला किया.

पानीपुरी के अनोखे फ्लेवर और स्वच्छता की मिसाल
मगनभाई और उनकी पत्नी ने पानीपुरी में स्वच्छता और स्वाद का खास ध्यान रखा. उनके स्टॉल पर 7 अलग-अलग फ्लेवर का पानी मिलता है, जो पूरी तरह से बिसलेरी पानी से तैयार होता है. इसके साथ ही ऑटोमैटिक व्यवस्था ने इसे और आकर्षक बना दिया है. दादा जहां पानीपुरी बनाते हैं, वहीं उनकी पत्नी मसाले तैयार करती हैं.

लोगों का प्यार और समर्थन
मगनभाई के पानीपुरी स्टॉल पर लोगों की भीड़ उमड़ती है. बाला हनुमान मंदिर के पास स्थित इस स्टॉल ने कम समय में ही खास पहचान बना ली है. स्थानीय निवासी श्रेया गुसानी कहती हैं, “दादा-दादी को काम करते देखना प्रेरणादायक है. यहां की पानीपुरी स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाता है.”

दादा-दादी की मेहनत से बनी मिसाल
मगनभाई और उनकी पत्नी ने साबित कर दिया कि उम्र के किसी भी पड़ाव पर नई शुरुआत की जा सकती है. उनका जीवन संघर्ष और मेहनत का जीता-जागता उदाहरण है, जो हर उम्र के लोगों को प्रेरणा देता है. जामनगर में उनकी कहानी केवल पानीपुरी की नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और लगन की कहानी है.

First Published :

January 18, 2025, 10:46 IST

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