अखबारें बेचीं-रेस्टोरेंट में काम, विदेश में कैसे बजा हिमाचली छोकरे का डंका?

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:February 08, 2025, 07:28 IST

हिमाचल प्रदेश के मंडी के अभिषेक अवस्थी, जो 17 साल पहले ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई के लिए गए थे, अब ग्रेटर बेंडिगो के डिप्टी मेयर हैं। उन्होंने संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए यह मुकाम हासिल किया.

अखबारें बेचीं-रेस्टोरेंट में काम, विदेश में कैसे बजा हिमाचली छोकरे का डंका?

हिमाचल प्रदेश के मंडी के अभिषेक अवस्थी ऑस्ट्रेलिया के एक शहर में मेयर बन गए हैं.

हाइलाइट्स

  • अभिषेक अवस्थी बने ग्रेटर बेंडिगो के डिप्टी मेयर।
  • संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए हासिल की सफलता।
  • सालाना 42 लाख रुपये है सैलरी पैकेज।

मंडी. 17 साल पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर का एक लड़का पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गया. वहां पढ़ाई के साथ-साथ अपने खर्चों के लिए कभी अखबारें बेचने का काम किया तो कभी रेस्टोरेंट में वेटर की भूमिका निभाई. लेकिन आज वही लड़का ऑस्ट्रेलिया के ग्रेटर बेंडिगो जैसे बड़े शहर में डिप्टी मेयर की भूमिका निभा रहा है. हम बात कर रहे हैं मंडी शहर निवासी 41 वर्षीय अभिषेक अवस्थी की. अभिषेक अवस्थी ग्रेटर बेंडिगो के डिप्टी मेयर बनने के बाद इन दिनों अपने घर मंडी आए हुए हैं.

न्यूज18 ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन को लेकर उनसे बातचीत की तो अभिषेक ने संघर्ष की कहानी हंसते हुए बयां की. अभिषेक ने बताया कि शुरुआती दौर में खर्चे पूरा करने के लिए हर तरह का काम किया, लेकिन कभी भी किसी काम को छोटे या बड़े की नजर से नहीं देखा.

डिप्टी मेयर के नाते 42 लाख की सैलरी

अभिषेक ने बताया कि उन्हें बतौर डिप्टी मेयर सालाना 42 लाख (भारतीय मुद्रा अनुसार) का वेतन यानी लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक हर महीने मिलते हैं. वहीं, अगर हिमाचल प्रदेश के डिप्टी मेयर की बात करें तो यहां पर डिप्टी मेयर को 2 लाख 40 हजार सालाना यानी हर महीने 20 हजार रुपये मिलते हैं. इस हिसाब से यहां के डिप्टी मेयर की सालाना सैलरी से ज्यादा तो अभिषेक को मासिक वेतन के ही मिल जाते हैं. अभिषेक ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में खर्चा भी डॉलर में होता है, इसलिए भारतीय मुद्रा के हिसाब से यह रकम काफी ज्यादा प्रतीत होती है जबकि वहां के हिसाब से एक अच्छा वेतन कहा जा सकता है.

मंडी के लिए कुछ करना चाहता हूं, सरकार का सहयोग जरूरी

अभिषेक ने बताया कि वे अपने होम टाउन मंडी के लिए कुछ करना चाहते हैं लेकिन वे प्रत्यक्ष तौर पर सुझावों के सिवाय और कुछ नहीं कर सकते. इसके लिए वे प्रदेश सरकार के साथ मिलना चाहते हैं ताकि एक ऐसा माध्यम बनाया जा सके जिसके तहत यहां के लिए अधिकारिक तौर पर कुछ किया जा सके. आगामी शिवरात्रि में संस्कृति के आदान-प्रदान को लेकर भी प्लान बनाया जा रहा है. इन सब कार्यों के लिए बजट काफी ज्यादा है लेकिन उसे सही ढंग से उपयोग करने की जरूरत है.

अभी ऑस्ट्रेलिया की राजनीति की समझ, यहां मौका मिला तो जरूर करूंगा प्रयास

अभिषेक अवस्थी ने बताया कि उन्हें अभी तक ऑस्ट्रेलिया की राजनीति की समझ है क्योंकि उन्हें वहां पर एक लंबा समय बीत चुका है और वहीं पर ही उनका अधिकतर रहना भी है. अभी वे वहां की राजनीति में ही आगे बढ़ने की सोच रहे हैं. भविष्य में यदि हिमाचल प्रदेश की राजनीति को लेकर किसी तरह का कोई मौका मिलता है तो यहां के लिए भी कुछ करने का प्रयास रहेगा.

विश्वगुरु बन रहा भारत, विदेशी जमीन पर भी महसूस होता है गर्व

अभिषेक ने कहा कि आज भारत की विश्वगुरु के रूप में जो छवि उभर कर सामने आ रही है उससे विश्व स्तर पर भारत की एक अलग पहचान बनी है. आज बहुत सी बड़ी कंपनियां भारत आकर काम कर रही हैं. विदेशी जमीन पर रहते हुए इस बात को लेकर गर्व महसूस होता है कि हम उस भारत के निवासी हैं जो आज विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है.

Location :

Mandi,Himachal Pradesh

First Published :

February 08, 2025, 07:28 IST

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