अमेरिका से लौटे अवैध भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर, सरकार से मांगा जवाब

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नई दिल्ली:

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने अमेरिका से कथित अवैध भारतीय अप्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर संसद के बाहर विरोध. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीय प्रवासियों के साथ हुए व्यवहार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देना चाहिए. उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुत बात की गई थी कि मोदी जी और डोनाल्ड ट्रंप जी बहुत अच्छे मित्र हैं, फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, यह कोई तरीका है...'' प्रियंका गांधी ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया गया है. लेकिन उन्हें  जिस तरह मिलिट्री प्लेन में वापस भारत भेजा गया वो अमानवीय है. वे अपराधी नहीं हैं. भारत को कहना चाहिए कि यह उचित नहीं है."

AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर कहा, "2022 की प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारत के 6 लाख 75 हज़ार लोग बिना दस्तावेज़ के रह रहे हैं... ये लोग जब यहां आएंगे तब सरकार उनके लिए क्या करेगी, ये इन्हें देश को बताना पड़ेगा."

विदेश मंत्री राज्यसभा में देंगे जवाब

अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर आज राज्यसभा में बयान देंगे. इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. इस वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो सका था.

गौरतलब है कि अमेरिका से 104 ‘‘अवैध'' भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर में उतराय अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा वापस भेजा गया यह भारतीयों का पहला जत्था है.  निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं. निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं.

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