Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 01, 2025, 12:54 IST
AI For Farming: बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी करण नाहटा ने बताया कि खेती के दौरान कई बार पानी की मात्रा और मिट्टी के पोषक तत्वों के बारे में पता नहीं चल पाता है. ऐसे में खाद-पानी की कम या अधिक मात्रा ...और पढ़ें
पोर्टेबल सॉइल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया
हाइलाइट्स
- किसानों को मोबाइल पर मिलेगी मिट्टी के पोषक तत्वों की जानकारी
- बीकानेर के छात्रों ने बनाया पोर्टेबल सॉइल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम
- एआई तकनीक पर आधारित है डिवाइस, कम करेगी खेती की लागत
बीकानेर. बीकानेर जिला के किसानों को अब अपने मोबाइल पर मिट्टी के पोषक तत्व और फसल को उपयुक्त उर्वरक की जानकारी मिल सकेगी. इसके लिए बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने एक स्पेशल डिवाइस बनाई है. जिससे किसान को काफी फायदा होगा.
मोबाइल पर मिलेगा पोषक तत्वों की मात्रा का पूरा ग्राफ
विद्यार्थियों ने पोर्टेबल सॉइल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है. यह एआई तकनीक पर आधारित इस खास डिवाइस से मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा का पूरा ग्राफ किसान को उसके मोबाइल पर मिलता रहता है. जिससे वह उचित समय पर फसल को उपयुक्त उर्वरक दे सकता है. यह डिवाइस उर्वरक की कितनी मात्रा देने की आवश्यकता है, यह भी बता देगा. इससे कृषि लागत में कमी आएगी.
मिट्टी के गुण बताने के लिए तैयार की गई है डिवाइस
विद्यार्थी करण नाहटा ने बताया कि खेती के दौरान कई बार पानी की मात्रा और मिट्टी के पोषक तत्वों के बारे में पता नहीं चल पाता है. ऐसे में खाद-पानी की कम या अधिक मात्रा देने से फसल में फायदे की जगह नुकसान हो जाता है. इस समस्या के निराकरण के लिए यह डिवाइस तैयार की गई है. करण ने बताया कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नया अध्याय है.
स्टार्टअप के लिए होगा इस्तेमाल
डिवाइस तैयार होने के बाद स्टार्टअप भी किया गया है. इससे कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के उद्देश्य से यह बनाया गया है. इस प्रोजेक्ट को इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के छात्रों ने इलेक्ट्रोनिक इंस्ट्रूमेंटेशन एवं कंट्रोल इंजीनियरिंग विभाग के इनोवेशन एंड प्रोडक्ट डिजाइन लैब में तैयार किया है. डिवाइस को तैयार करने में डॉ. राहुल राज चौधरी और हरजीत सिंह का मार्गदर्शन रहा है.
20 हजार रुपए लागत में तैयार हुआ ऐप
पोर्टेबल डिवाइस में इंफ़्रा रेड स्पक्ट्रोसकॉपी (रसायन जांच की प्रक्रिया), एबेडेड सिस्टम, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और मशीन लर्निंग का उपयोग किया है. डिवाइस में सबसे पहले मिट्टी का सैंपल लेकर डाला जाता है. इसके बाद मात्र एक मिनट में ही ये डिवाइस मिट्टी की जांच कर उसके स्वास्थ्य के बारें में अवगत करवा देगा. इसके बाद इसका पूरा डाटा आपके मोबाइल में आ जाएगा तथा उत्पादन बढ़ाने सबंधित सभी जानकारी भी उपलब्ध करवा देंगे. प्रोजेक्ट पर अथर्व पटेल, महेंद्र चौधरी, तरुण कंसारा, प्रकाश चौधरी, युवराज, हरी सिंह तंवर ने भी काम किया है. इसको बनाने में करीब 20 हजार रुपए लागत आई है.
Location :
Bikaner,Bikaner,Rajasthan
First Published :
February 01, 2025, 12:54 IST
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