Last Updated:February 06, 2025, 14:31 IST
दुबई का जीरो पर्सनल इनकम टैक्स मॉडल चर्चा में है. यूएई में व्यक्तिगत आय पर टैक्स नहीं लगता, जिससे अमीर निवेशक आकर्षित होते हैं. सरकार कॉर्पोरेट टैक्स, वैट, और नगर पालिका कर से राजस्व प्राप्त करती है. टैक्स-फ्री...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- दुबई में व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
- यूएई में अन्य टैक्स और शुल्कों से सरकार को राजस्व मिलता है.
- अमीर निवेशक और उच्च वेतन पाने वाले प्रोफेशनल्स यूएई को प्राथमिकता देते हैं.
नई दिल्ली. दुनियाभर में टैक्स को लेकर बहस तेज हो गई है. भारत में ₹12 लाख तक की संभावित टैक्स छूट के बीच दुबई का जीरो पर्सनल इनकम टैक्स मॉडल फिर सुर्खियों में है. भारत में कहा जा रहा है कि सरकार टैक्स नहीं लेगी तो तरक्की से कहां से होगी. सड़क, रेलवे व अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण कैसे होगा. ऐसे में जाहिर तौर पर दुबई का नाम आना लाजिमी है. क्योंकि वहां निजी आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. जिससे यह शहर अमीरों और निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है. बात सिर्फ एक शहर की नहीं है बल्कि पूरा यूएई ही टैक्स फ्री है. यानी पर्सनल इकनम पर जीरो टैक्स. लेकिन सवाल उठता है कि अगर यूएई में इनकम टैक्स नहीं लिया जाता, तो सरकार को रेवेन्यू मिलता कहां से है?
यूएई में व्यक्तिगत आय (salary) पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता, जिससे वहां के लोगों की डिस्पोजेबल इनकम (खर्च करने योग्य आय) अधिक रहती है. इसी वजह से दुनियाभर के लोग यहां आकर बसना चाहते हैं और टैक्स सेविंग का फायदा उठाना चाहते हैं. खासतौर पर अमीर निवेशक और उच्च वेतन पाने वाले प्रोफेशनल्स यूएई को प्राथमिकता देते हैं. हालांकि, सरकार को राजस्व देने के लिए वहां कई अन्य टैक्स और शुल्क लागू किए गए हैं, जिससे यूएई की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रहती है.
कौन-कौन से अन्य टैक्स
यूएई ने साल 2023 में AED 375,000 से अधिक मुनाफे वाले बिजनेस पर 9% कॉर्पोरेट टैक्स लागू किया. इसके अलावा, तेल कंपनियों को 55% से 85% तक का टैक्स देना पड़ता है, जबकि विदेशी बैंकों पर 20% का कॉर्पोरेट टैक्स लगाया जाता है. साल 2018 में सरकार ने 5% वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) भी लागू किया, जो अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है. इसके अलावा, प्रॉपर्टी और यूटिलिटी बिलों पर भी नगर पालिका कर (municipal tax) लिया जाता है.
टूरिस्ट डेस्टिनेशन
टूरिज्म भी यूएई की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग है, जहां होटल, रेस्टोरेंट और ट्रैवल सेवाओं पर विभिन्न टैक्स लगाए जाते हैं. इस मॉडल के कारण, यूएई टैक्स फ्री इनकम देने के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में सफल रहता है. इसके अलावा, छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को AED 375,000 तक की कमाई पर टैक्स छूट दी जाती है, जिससे नए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलता है.
इनकम टैक्स न होने के बावजूद, यूएई सरकार को विभिन्न टैक्सों और शुल्कों से स्थिर आय मिलती रहती है. इसके अलावा, यूएई के पास 100 से अधिक देशों के साथ डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट (DTA) हैं, जो निवेशकों को दोहरे कराधान से बचाने में मदद करते हैं. इन सुविधाओं और टैक्स-फ्री इनकम की वजह से यूएई दुनियाभर के अमीरों और निवेशकों के लिए पहली पसंद बन चुका है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 06, 2025, 14:31 IST