Last Updated:January 20, 2025, 16:04 IST
वही राजकुमार ने बोला कि वह दिल्ली में एक छोटी सी बस्ती में एक सिंगल रूम ले रखा है, जिसमें उनके ही जैसे काम करने वाले छोटे-मोटे लोग मिलकर एक साथ रहते हैं
जाने दिल्ली के ऑटो चालक की कहानी
दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां लोग दूसरे राज्य से आकर पढ़ाई और रोजगार की तलाश में यहां आकर काम करते हैं. वहीं दिल्ली में यूपी, बिहार ओर झारखंड से बहुत से गरीब परिवार के लोग यहां छोटा-मोटा रोजगार करते हैं, जैसे कि कोई फल बेचने का काम करता है या कोई ऑटो रिक्शा चलाता है, तो चलिए आज हम आपको एक ऑटो चालक की संघर्ष भरी कहनी के बारे में बताएंगे कि कैसे अपने घर का पालन पोषण करने के लिए दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा चलाकर जैसे-तैसे अपना गुजारा करके अपने घर पैसे भेजते हैं.
बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिला के रहने वाले राजकुमार शर्मा जो दिल्ली की सड़कों पर 8 साल से ऑटो चलाने का काम कर रहे हैं, उन्होंने लोकल 18 की टीम से बात करते हए बताया कि उन्होंने अपने घर का पालन पोषण करने के लिए दिल्ली में आकर 6 महीने ऑटो चालना पड़ता है और बाकी के 6 महीना में वह अपने गांव में ही खेती करते हैं और सीजन के हिसाब से खेती करने के बाद बाकी के महीनों में दिल्ली आकर रेंट पर लेकर ऑटो रिक्शा चलते हैं. उन्होंने अपनी नम आंखों से हमसे बात करते हुए कहा कि अगर उन्हें अपने गांव में ही 10 से 12,000 की कोई नौकरी मिलजाए, तो वह कभी भी दिल्ली आकर ऑटो नहीं चलाएंगे.
गांव में साइड रोजगार की कमी
लेकिन गांव में साइड रोजगार की काफी मारामारी है, इसलिए अपने घर का पालन पोषण करने के लिए उन्हें यहां आकर ऑटो चलाना पड़ता है. बता दें कि इनके घर पर उनके बूढ़ी मां, एक छोटा भाई, पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. वही जब वह रिक्शा चलाने के लिए दिल्ली आ जाते हैं, तो खेती का आगे का काम इनका परिवार देखता है.
दिल्ली में ऐसे करते हैं गुजरा
राजकुमार ने बताया कि वह दिल्ली में एक छोटी सी बस्ती में एक सिंगल रूम ले रखा है, जिसमें उनके ही जैसे काम करने वाले छोटे-मोटे लोग मिलकर एक साथ रहते हैं. बता दें कि एक छोटे से रूम में 4 से 5 लोग रहते हैं जहां खाना बनाना और सोना एक ही स्थान पर होता है.
महीने की इतनी होती है कमाई..
राजकुमार ने आगे बताया कि वह पूरे दिन में 14 घंटे ऑटो चलकर किसी दिन ₹700 या कभी-कभी हजार 1200 सो की कमाई कर लेते हैं, लेकिन पूरे महीने में 30 से 35000 कमाने के बावजूद भी उन्हें अपने ऑटो का मेंटेनेंस देने के बाद और दिल्ली में अपना खर्च चलाने के बाद गांव भेजने के लिए थोड़े ही पैसे बचते हैं.
सरकार की स्कीम पर क्या कहा
वहीं राजकुमार से जब पूछा गया कि सरकार, ऑटो वालों को अलग के मदद करने का वादा करती है, तो उस पर उन्होंने बोला कि यह केवल इलेक्शन के लिए ही बोला जाता है, उसके बाद गरीब इंसान को कोई नहीं पूछता है. हम अपनी मेहनत से ही जितने घंटे ऑटो चलाते हैं, उसी हिसाब के कमाई से अपना जीवन- यापन कर रहे हैं.
Location :
Delhi Cantonment,New Delhi,Delhi
First Published :
January 20, 2025, 16:04 IST