Agency:Local18
Last Updated:February 05, 2025, 12:11 IST
88 Year Old Athlete: तमिलनाडु के 88 वर्षीय एस.एन. कोलंदन ने एथलेटिक्स में कई पदक जीते हैं. 2014 में विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में 7वां स्थान पाया. अब भी वे पूरी ऊर्जा से भाग लेते हैं.
हाइलाइट्स
- एस.एन. कोलंदन ने 88 की उम्र में भी एथलेटिक्स में पदक जीते.
- कोलंदन ने 2014 में विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में 7वां स्थान पाया.
- तमिलनाडु सरकार से सीनियर एथलीट्स के लिए सहयोग की मांग.
नमक्कल: सोचिए, 88 की उम्र में जब ज्यादातर लोग अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाते हैं, आराम को ही जीवन मान बैठते हैं, वहीं एक बुजुर्ग खिलाड़ी मैदान में उतरकर अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों को भी चुनौती दे रहा है. यह कहानी है तमिलनाडू के एस.एन. कोलंदन की, जो उम्र को सिर्फ एक नंबर मानते हैं और अपनी कड़ी मेहनत से इसे साबित भी कर रहे हैं.
बात 2014 की है, जब जापान में आयोजित एक विश्व स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कोलंदन ने हिस्सा लिया और 7वां स्थान हासिल किया. राष्ट्रीय स्तर की सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उन्होंने तीसरा और जिला स्तर पर पहला स्थान पाया. हैरानी की बात यह है कि वह 1995 में यानी 30 साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन आज भी पूरी ऊर्जा के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं.
मन ने कभी हार नहीं मानी
अब आप सोच रहे होंगे, इतनी उम्र में यह कैसे संभव है? तो सुनिए उनकी कहानी – उम्र बढ़ने के साथ उन्हें हार्ट की बायपास सर्जरी, घुटनों की सर्जरी और वैरिकोज सर्जरी जैसी तकलीफों से गुजरना पड़ा. शरीर ने कई बार जवाब दिया, लेकिन मन ने कभी हार नहीं मानी. डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी, परिवार ने भी खेलने से रोक दिया, लेकिन कोलंदन का दिल तो मैदान में ही बसता था. उन्होंने जितना संभव हो सका, व्यायाम और चलने की प्रैक्टिस जारी रखी. जब सेहत थोड़ी संभली, तो उन्होंने फिर से प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया. अब उनका एक ही सपना है – भारत के लिए और मेडल जीतना!
उनका कहना है, “कॉलेज के दिनों से ही मुझे खेलों से प्यार था. भाला फेंक और गोला फेंक में हाथ आजमाना मुझे हमेशा रोमांचित करता था. सेवानिवृत्ति के बाद स्वास्थ्य ने साथ नहीं दिया, लेकिन मैंने खेल छोड़ने का नाम नहीं लिया. आज भी सुबह-शाम नियमित व्यायाम करता हूं.”
लेकिन कोलंदन की इस प्रेरणादायक कहानी के साथ एक दुखद सच्चाई भी है. तमिलनाडु सरकार जहां युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, वहीं सीनियर एथलीट्स के लिए कोई खास सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा, “अगर सीनियर खिलाड़ी ही नहीं होंगे, तो युवाओं को प्रेरणा और मार्गदर्शन कौन देगा? हमें भी सरकार की ओर से सहयोग और सुविधाएं मिलनी चाहिए.”
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हाल ही में मदुरै में आयोजित तमिलनाडु सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में नामक्कल जिला टीम ने 6 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक जीतकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई. अब अगली अंतरराष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता अगले महीने बेंगलुरु में होगी, जिसमें कोलंदन भी हिस्सा लेंगे. नामक्कल जिला सीनियर एथलेटिक्स संघ के सचिव शिवकुमार का कहना है कि सरकार को सीनियर खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि वे देश के लिए और बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकें.
First Published :
February 05, 2025, 12:11 IST
उम्र 88 साल, हो चुकी हैं 3 सर्जरी...फिर भी मैदान में उतरते ही मचाते हैं धमाल