Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 06, 2025, 14:09 IST
कुरजा पक्षी के माध्यम से राजस्थानी महिलाएं अपने दूर बैठे विदेश में पति को संदेश भेजती हैं. एक तरह से प्रेम और विरह का संदेश देते हैं. बीकानेर में इन दिनों यह कुरजा पक्षी हजारों की तादाद में आते हैं.
इस विदेशी पक्षी के माध्यम से राजस्थानी महिलाएं अपने दूर बैठे विदेश में पति को सं
हाइलाइट्स
- बीकानेर में कुरजा पक्षी हजारों की संख्या में आते हैं.
- महिलाएं कुरजा पक्षी के माध्यम से पति को संदेश भेजती हैं.
- कुरजा पक्षी को डेमोइसेल क्रेन भी कहा जाता है.
बीकानेर:- बीकानेर में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं. इन विदेशी पक्षी का चार से पांच माह का प्रवास रहता है और वे यहां खाने-पीने की तलाश में आते हैं. ऐसे में एक ऐसा विदेशी पक्षी है, जिन पर महिलाएं खास तौर पर गीत गाती हैं. हम बात कर रहे हैं कुरजा पक्षी की. इस विदेशी पक्षी के माध्यम से राजस्थानी महिलाएं अपने दूर बैठे विदेश में पति को संदेश भेजती हैं. एक तरह से प्रेम और विरह का संदेश देते हैं. बीकानेर में इन दिनों यह कुरजा पक्षी हजारों की तादाद में आते हैं.
पत्नी बांटती हैं अपने पति से जुदाई के गम
पक्षी विशेषज्ञ अजय कुमार ने लोकल 18 को बताया कि यह साइबेरियन पक्षी है. बड़ी संख्या में राजस्थान में आते हैं, जहां झीलें हैं, वहां यह सबसे ज्यादा संख्या में पाए जाते हैं. इन दिनों बीकानेर के लूणकरणसर झील में बड़ी संख्या में आए हुए हैं. इस पक्षी के आने पर महिलाएं ‘कुरजा म्हारा भंवर मिला दे गीत’ गाती हैं. कुरजा पक्षी को लेकर राजस्थान में गाया जाने वाला लोकगीत कुरजा है. इस गीत में पत्नी अपने पति से जुदाई के गम को कुरजा पक्षी के साथ बांटती हैं.
इस गीत में विवाहित जोड़े का विरह, परिवार के प्रति उनका त्याग और राजस्थान की संस्कृति का वर्णन है. साथ ही इस गीत में कुरजां के जरिए अपना विरह और स्नेह भरा संदेश सात समंदर पार अपने पति तक पहुंचाने का भी वर्णन है. इस गीत की प्रेरणा हर उस विवाहित स्त्री से ली गई है, जो विवाह के बाद भी अपने पति से दूर रहती है. इसके अलावा इस गीत में कुरजा के जाने और पत्नी की विरह वेदना को सुनकर पति कैसे प्रेम में सब त्यागकर भाग आता है, इस प्रेम और विरह का संग्रह है.
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सर्दियों के मौसम में आते हैं भारत
वे बताते हैं कि यह विदेशी पक्षी हजारों किलोमीटर दूर से आते हैं. ये पक्षी साइबेरिया, चीन, मंगोलिया और कजाकिस्तान जैसे देशों से आते हैं. सर्दियों के मौसम में ये पक्षी भारत आते हैं. कुरजा पक्षी को डेमोइसेल क्रेन भी कहा जाता है. ये पक्षी लंबी और पतली आकृति के होते हैं. ये पक्षी मौसम में बदलाव का अंदाजा लगा लेते हैं. ये पक्षी अपने प्रवास स्थल पर पहुंचने के बाद ऊंचाई से उड़ान भरते हैं और फिर नीचे उतरते हैं. ये पक्षी सितंबर से अक्टूबर महीने से लेकर फरवरी और मार्च महीने तक राजस्थान में रहते हैं.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
February 06, 2025, 14:09 IST