दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग बुधवार को संपन्न हुई। अब सभी की निगाहें 8 तारीख को जारी होने वाले नतीजे पर टिकी हैं। उससे पहले एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए हैं, जिसने जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की चिंता बढ़ा दी हैं, तो वहीं कांग्रेस एक बार फिर पिछली कतार में ही खड़ी नजर आ रही है। दिल्ली में बीजेपी की जीत का अनुमान जताए जाने के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने एग्जिट पोल के आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इन सर्वेक्षणों पर विश्वास नहीं करने की बात कही।
डीके शिवकुमार ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं 'एग्जिट पोल' पर विश्वास नहीं करता। हमें मतदाताओं के फैसले का इंतजार करना चाहिए।" बता दें कि विभिन्न एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी के मुकाबले बीजेपी की जीत का अनुमान जताया गया है, जबकि दो सर्वेक्षणों में 'आप' की जीत का अनुमान भी लगाया गया है।अधिकांश सर्वेक्षणों में बीजेपी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है।
कांग्रेस की 'प्यारी दीदी योजना'
दिल्ली में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में से एक रहे शिवकुमार ने दिल्ली चुनाव से पहले ‘प्यारी दीदी योजना’ का ऐलान किया था, जिसके तहत यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। हालांकि, एग्जिट पोल्स के मुताबिक, कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में ज्यादा बढ़त मिलने की उम्मीद नहीं जताई गई है। ऐसे में शिवकुमार ने मतदाताओं के फैसले पर पूरा विश्वास जताया और चुनाव परिणाम के बाद स्थिति साफ होने की बात कही।
बेंगलुरु के लिए दूसरे हवाई अड्डे की योजना
शिवकुमार से बेंगलुरु के लिए दूसरे हवाई अड्डे की योजना के बारे में भी सवाल पूछा गया। उन्होंने इस पर कहा कि तकनीकी आवश्यकताओं के आधार पर इसके लिए स्थान को अंतिम रूप दिया जाएगा। शिवकुमार बेंगलुरु विकास के प्रभारी भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हवाई अड्डा कहां बनना चाहिए, चाहे वह बिदादी में हो या नेलमंगला या तुमकुरु या किसी अन्य स्थान पर, हम तय नहीं कर सकते। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच एक समझौता है कि कुछ वर्षों तक कोई भी हवाई अड्डा आस-पास नहीं बनना चाहिए। वे चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार के संबंधित विभाग बुनियादी ढांचे के मंत्री एम. बी. पाटिल के नेतृत्व में व्यवहार्यता पर विचार कर रहे हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे मुझसे और मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। फिर दिल्ली (केंद्र) से मंजूरी लेकर हम दूसरे हवाई अड्डे के लिए स्थान तय करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इच्छा हो सकती है कि हवाई अड्डा मेरे गृहनगर के पास हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। कुछ आवश्यकताएं हैं जैसे कि आस-पास कोई पहाड़ नहीं होना चाहिए, उड़ान क्षेत्र होना चाहिए। कुछ तकनीकी आवश्यकताएं हैं, जिनके आधार पर यह तय किया जाएगा।’’ (भाषा इनपुट के साथ)
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