Last Updated:February 06, 2025, 12:21 IST
Method of increasing medicinal works drumstick astatine home: सहजन की खेती खेतों में करना तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इसके पौधे को घर में भी उगाया जा सकता है, अगर नहीं तो हम बताते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- सहजन को घर में गमले में भी उगाया जा सकता है.
- पौधे को 6-7 घंटे की धूप अनिवार्य होती है.
- रोजाना पानी देने से बचें, तेज हवा से बचाएं.
पश्चिम चंपारण:- सहजन को प्रोटीन, विटामिन सी तथा मिनिरल्स का भंडार कहा जाता है. जानकार बताते हैं कि यह एक सुपर फूड है, जिसके सेवन से शरीर को हर प्रकार के पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. औषधीय तत्वों से भरे होने के कारण स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक इसकी खूब डिमांड होती है. ऐसे में खेतों में इसकी खेती के बारे में तो हम सब जानते हैं, लेकिन गिने चुने लोग ही ऐसे हैं जो ये जानते हैं कि मोरिंगा को घर में रखे गमले में भी उगाया जा सकता है. हालांकि गमले में इस पौधे की खुराक ज्यादा होती है तथा इनका आकार भी उतना बड़ा नहीं हो पाता है, लेकिन फिर भी आप इसे फल देने लायक बड़ी आसानी से बना सकते हैं. तो एक्सपर्ट से जानते हैं, कि इसे रोपित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
इतने साइज के गमले का करें उपयोग
जिले के मझौलिया प्रखंड निवासी तथा मेडिसिनल प्लांट एक्सपर्ट रविकांत पांडे बताते हैं, कि सहजन के लिए यदि बीज या फिर छोटा सा पौधा लगा रहे हैं, तो किसी भी मध्यम आकार वाले गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन पौधे का आकार जब बड़ा हो, तब आपको कम से कम दो या डेढ़ फीट चौड़े तथा डेढ़ से दो फीट गहरे गमले का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि सहजन का पौधा बड़े पेड़ में तब्दील हो जाता है, इसलिए यह जरूरी है कि उसके लिए गहरे गमले का इस्तेमाल किया जाए.
गमले को धूप वाले स्थान पर रखें
रविकांत बताते हैं, कि ज्यादातर लोग गमले में सीधे सहजन के छोटे से पौधे को रोपते हैं, लेकिन यदि आप चाहें, तो बीज से भी उसे रोपित जा सकता है. इसके लिए आपको अच्छी किस्म का खाद, नीम की खली, कोको पिट तथा वर्मी कम्पोस्ट जैसी चीजों का उपयोग करना होगा. सबसे खास बात यह है कि मोरिंगा के पौधे को 6 से 7 घंटे की धूप अनिवार्य होती है. ऐसे में आपको गमले को धूप वाली जगह पर ही रखना होगा.
रोज पौधे को पानी देने से बचें
वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि पौधा लगे गमले को किसी ऐसी जगह पर नहीं रखना होगा, जहां हवा का बहाव बहुत तेज हो. क्योंकि शुरू के दिनों में यह पौधा बहुत पतला होता है, इसलिए इसे तेज हवा से बचाकर रखना होगा. जहां तक बात सिंचाई की है, तो मोरिंगा के पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. इसलिए इसे रोजाना पानी देने से बचना चाहिए. साथ ही यदि आपने गमले में बड़े आकार का पौधा लगाया है, तो उसके सभी खुले भागों को गोबर से ढक दें. इससे पौधे में फंगस लगने की समस्या नहीं आएगी.
Location :
Pashchim Champaran,Bihar
First Published :
February 06, 2025, 12:21 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.