बाघ को तनाव से राहत देने के लिए उसे विशेष दवाएं दी जा रही हैं.
गोरखपुर: गोरखपुर चिड़ियाघर में हाल ही में एक नर बाघ को लाया गया है, जिसे पीलीभीत के जंगलों से रेस्क्यू किया गया था. वन विभाग की टीम द्वारा 23 सितंबर को पकड़े गए इस बाघ ने आसपास के गांवों में काफी डर और दहशत का माहौल बना रखा था. फिलहाल, उसे चिड़ियाघर के क्वारंटाइन सेल में रखा गया है, ताकि वह नए माहौल में ढल सके.
चिड़ियाघर में परेशान है बाघ
चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि बाघ को चिड़ियाघर के माहौल में ढलने में कठिनाई हो रही है. बाघ के आहार और व्यवहार पर लगातार नजर रखी जा रही है. उसे कई प्रकार के मांस दिए गए, लेकिन उसने बहुत कम मात्रा में ही भोजन किया. हालांकि, बाघ ने भरपूर मात्रा में पानी पिया, जो यह दर्शाता है कि वह तनावग्रस्त है और उसके स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ रहा है.
दी जा रही हैं दवाएं
बाघ को तनाव से राहत देने के लिए उसे विशेष दवाएं दी जा रही है. डॉ. योगेश ने बताया कि जंगल के स्वाभाविक और खुली जगहों से आए बाघों के लिए चिड़ियाघर के पिंजरे में रहना एक बड़ी चुनौती होती है. वातावरण के इस परिवर्तन का सीधा असर उनके व्यवहार और भोजन पर पड़ता है. फिलहाल, विशेषज्ञों की टीम इस बाघ के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और उम्मीद है कि कुछ दिनों के भीतर उसकी स्थिति में सुधार होगा.
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नए वातावरण में ढलने में लगेगा समय
बाघ के स्वास्थ्य की जांच के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया जाएगा कि उसे कहां रखा जाना चाहिए. इस समय चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर में पहले से ही दो बाघ मौजूद हैं, जो अच्छी स्थिति में हैं. वन्यजीव विशेषज्ञ इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उचित देखभाल और समय के साथ बाघ का व्यवहार सामान्य हो जाएगा और वह अपने नए वातावरण में ढल सकेगा.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 14:41 IST