सिद्धोपीठ सालासर धाम में हुआ दुनिया का सबसे बड़ा श्राद्ध, 51000 KG बना हलवा

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सिद्धपीठ

सिद्धपीठ सालासर बालाजी 

नरेश पारीक/चूरू. राजस्थान के चूरू में दुनिया का सबसे बड़ा श्राद्ध हुआ, जो सिद्धपीठ सालासर बालाजी के परम भक्त संत मोहनदास जी महाराज के नाम से जुड़ा है. ऐसा कहा जाता है कि बालाजी महाराज ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं उन्हें दर्शन दिए थे. संत मोहनदास जी के 230वें श्राद्ध पर एक लाख से सवा लाख श्रद्धालु दूर-दराज से सालासर पहुंचे जो सोमवार को मनाया गया. यह श्राद्ध दुनिया का सबसे बड़ा बताया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए 51,000 किलो हलवा तैयार किया गया था.

ऐसा माना जाता है कि संत मोहनदास जी के श्राद्ध पर प्रसाद ग्रहण करने से पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक हो जाती हैं. इसी मान्यता के चलते हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन सालासर में आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. मंदिर के पुजारी अरविंद जी बताते हैं कि श्राद्ध के दौरान मंदिर परिसर में मेले जैसा माहौल रहता है, और भारी भीड़ उमड़ती है.

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श्राद्ध की तैयारियां
श्राद्ध की तैयारियों की बात करें तो इसे लेकर एक सप्ताह पहले से तैयारियां शुरू कर दी जाती है. दो दर्जन हलवाई दो दिन पहले से प्रसाद बनाने का काम शुरू करते हैं. हलवा बड़ी कड़ाही में बनाया जाता है और इसे श्रद्धालुओं को सुष्वा और पंच मेला सब्जी के साथ परोसा जाता है.

मोहनदास जी को हनुमान जी ने दिए थे दर्शन
पुजारी अरविंद बताते हैं कि संत मोहनदास जी, हनुमान जी के अनन्य भक्त थे और उन्होंने वर्षों की तपस्या और पूजा की थी. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमानजी ने उन्हें दाढ़ी और मूंछ वाले रूप में दर्शन दिए थे. कहा जाता है कि मोहनदास जी ने हनुमान जी से वचन लिया था कि भविष्य में भी उन्हें इसी रूप में दर्शन देंगे. इसी वचन के अनुसार, सालासर धाम में हनुमानजी एक जाट के खेत में प्रकट हुए, जब हल चलाते समय जाट का हल एक पत्थर से टकराया. उस पत्थर को साफ करने पर बालाजी की प्रतिमा सामने आई, जिसे बाद में सालासर धाम में स्थापित किया गया.

Tags: Churu news, Local18, Rajasthan news, Religion

FIRST PUBLISHED :

September 30, 2024, 16:48 IST

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