चीन के कंधे पर बैठकर चांद देखेगा पाकिस्तान, DAWN ने की मुनादी, कश्मीर पर चीन ने टरका दिया

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China Pakistan New Agreements: पाकिस्तान सोते-जागते भारत के बारे में सोचता है. उसके लिए दुनिया भारत से शुरू होती है और भारत पर खत्म. भारत से बराबरी के लिए वो हर काम करता है. चाहे वो उसके बस की हो या नहीं. वो दोस्त भी उन्हीं को बनाता है, जो उसके भारत की बराबरी करने में मदद कर दे. चाहे फिर वो सिर्फ नाम के लिए हो. ऐसा करके पाकिस्तान के हुक्मरान अपनी जनता को ये दिखाते हैं कि लो!भारत ही नहीं, हम भी ऐसा कर सकते हैं. आजकल भारत का अंतरिक्ष में डंका बज रहा है. इसरो की ख्याति दुनिया में लगातार बढ़ रही है. ये देख पाकिस्तान परेशान है. वो खुद कुछ कर नहीं सकता तो इसरो से बराबरी के लिए अपने जिगरी चीन के पास पहुंच गया. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चीन पहुंचे तो चांद पर जाने की मांग कर दी. अब पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपने राष्ट्रपति की चीन यात्रा पर क्या कुछ लिखा है, यहां जानिए... 

DAWN ने क्या बताया

DAWN के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश कार्यालय (एफओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में अपने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देशों के संबंधों को कमजोर करने या बाधित करने का कोई भी प्रयास निश्चित रूप से विफल होगा. दोनों देश रक्षा, कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों में सहयोग को उन्नत करने पर भी सहमत हुए. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री ली कियांग और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग पर चर्चा की गई.

चीनी कर्मियों की सुरक्षा पर दिया भरोसा

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इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने "जीरो टोलरेंस एटिट्यूड" के साथ आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और आतंकवाद से निपटने पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की. पाकिस्तानी पक्ष चीनी कर्मियों से जुड़े आतंकवादी हमलों की जांच करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगा. यह सुरक्षा में इनपुट को और बढ़ाएगा, और पाकिस्तान में चीनी कर्मियों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने के लिए लक्षित और संवर्धित उपाय करेगा, और दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करेगा.

ताइवान से लेकर तिब्बत पर चीन का दिया साथ

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एफओ ने कहा कि चीनी पक्ष ने आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के निरंतर प्रयासों और जबरदस्त बलिदानों की सराहना की और पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी क्षमता निर्माण के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की.इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने भी एक-चीन सिद्धांत के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की, ताइवान को "चीन के क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा और ताइवान चीन के मूल हितों पर सवाल उठाता है. एफओ ने कहा कि पाकिस्तान राष्ट्रीय पुनर्एकीकरण हासिल करने के लिए चीन द्वारा किए गए सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता है और ताइवान की स्वतंत्रता के सभी रूपों का दृढ़ता से विरोध करता है. यह समर्थन शिनजियांग, ज़िज़ांग (तिब्बत), हांगकांग और दक्षिण चीन सागर से संबंधित सभी मुद्दों पर भी लागू होता है.

चांग ए-8 मिशन पर समझौता

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पाकिस्तान ने चंद्रमा पर रोवर भेजने के लिए चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ एक समझौता किया है. इसके तहत सुपार्को और चीनी अंतरिक्ष एजेंसी CNSA के बीच समझौता ज्ञापन पर साइन किए गये हैं. इस समझौते पर 5 फरवरी 2025 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के तहत पाकिस्तान के लिए अपने पहले स्वदेशी चंद्र रोवर को चीन के चांग ए-8 मिशन का हिस्सा बनाया जाएगा. इसे साल 2028 में लॉन्च किया जाएगा. पाकिस्तान अपने स्वदेशी रोवर को खुद चंद्रमा पर नहीं भेजेगा, बल्कि चीन उसे चंद्रमा पर पहुंचाएगा. चीनी स्पेस एजेंसी CNSA ने चांग ए-8 मिशन को डिजाइन किया है. इस मिशन का मकसद चंद्रमा के सतह का मानचित्रण करना है. आज की तारीख तक पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं कर पाई है.

कश्मीर पर चीन ने टरकाया

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बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि चीन-पाकिस्तान "ऑल वेदर स्ट्रेटजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप" हैं. बदलती अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों की कसौटी पर खरा उतरने के बाद, चीन और पाकिस्तान के बीच स्थायी साझेदारी और मजबूत दोस्ती भूराजनीतिक हितों से परे है और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कारक है. दोनों पक्षों ने हमेशा एक-दूसरे को समझा और समर्थन किया है, और रणनीतिक आपसी विश्वास और व्यावहारिक सहयोग को गहरा कर रहे हैं. दोनों पक्षों ने नोट किया कि हालांकि एक सदी में नहीं देखा गया परिवर्तन तेज हो रहा है, चीन-पाकिस्तान संबंध रणनीतिक महत्व बना हुआ है और इसे बाधित करने या कमजोर करने का कोई भी प्रयास निश्चित रूप से विफल होगा. कश्मीर का राग भी पाकिस्तान ने छेड़ा पर चीन ने पुरानी बात दोहराकर मामले को टरका दिया. चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर विवाद इतिहास से है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए.

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