त्रिवेणी संग्रहालय मुक्तिबोध स्मारक
Rajnandgaon News: देश के प्रसिद्ध साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी,गजानन माधव मुक्तिबोध और डॉक्टर बलदेव प्रसाद मिश्र ...अधिक पढ़ें
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated : September 30, 2024, 12:41 IST
राजनांदगांव: शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय परिसर में स्थित त्रिवेणी संग्रहालय अपने आप में खास है. राजनांदगांव शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय परिसर में त्रिवेणी संग्रहालय स्थित है. त्रिवेणी संग्रहालय की ऊपरी मंजिल तीन खंडों में विभाजित है, जिसमें साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध, पदुमलाल पन्नालाल बख्शी और डॉक्टर बल्देव प्रसाद मिश्र की स्मृतियां संकलित हैं. उनकी रचनाओं और उनसे जुड़ी चीजों को यहां संजोकर रखा गया है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. दो विभूतियों द्वारा यहां अपनी सेवाएं दी गई थीं, उनसे जुड़ी चीजों को यहां संजोकर रखा गया है. इनसे जुड़ी स्मृतियों के पन्नों, रचनाओं एवं पांडुलिपियों के प्रदर्शन को संयुक्त कर रखने के लिए त्रिवेणी बनाया गया है. स्मारक में वाचनालय, स्वागत कक्ष और प्रतीक्षा कक्ष भी स्थापित किया गया है.
प्रसिद्ध साहित्यकारों की स्मृतियां
देश के प्रसिद्ध साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, गजानन माधव मुक्तिबोध और डॉक्टर बलदेव प्रसाद मिश्र की स्मृति में मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी संग्रहालय का निर्माण किया गया है. यहां लोग पहुंचकर इन तीनों साहित्यकारों से जुड़ी रचनाएं और अन्य वस्तुएं देख सकते हैं. हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों में गजानन माधव मुक्तिबोध ने शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में सन् 1958 से 1964 तक प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. इसी तरह डॉक्टर पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी ने सन् 1959 से 1971 तक प्राध्यापक के रूप में दिग्विजय महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दीं.
डॉक्टर शंकर मुनी राय, अध्यक्ष हिंदी विभाग शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय ने लोकल 18 को बताया कि शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के परिसर में स्थित गजानंद माधव मुक्तिबोध का निवास स्थान राज्य शासन द्वारा 2005 में स्मारक का रूप दिया गया. इस संग्रहालय में राजनांदगांव के साहित्यिक विभूतियों की स्मृतियां रखी गई हैं. डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र, गजानंद माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी जी से जुड़ी चीजें वहां रखी गई हैं. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी और गजानन माधव मुक्तिबोध इस महाविद्यालय में प्राध्यापक भी रहे हैं और हिंदी साहित्य में उनका स्मरणीय नाम है. उनके साहित्यिक स्मृतियों को यादगार बनाए रखने के लिए उनसे जुड़ी सामग्री को इस संग्रहालय में रखा गया है. संग्रहालय में उनकी दैनिक उपयोग की चीजें, जैसे जैकेट, खड़ाऊ और हस्तलिपि की कुछ पांडुलिपियां भी रखी गई हैं. तीनों विभूतियों से जुड़ी वस्तुएं वहां रखी गई हैं.
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मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी संग्रहालय
यह संग्रहालय 2005 में मुक्तिबोध स्मारक त्रिवेणी संग्रहालय के नाम से बना था. यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शकों और साहित्य प्रेमियों के लिए खुला रहता है. शासकीय अवकाश रविवार के दिन भी यहां जाया जा सकता है. जिला प्रशासन ने यह व्यवस्था की है ताकि रविवार के अवकाश का लाभ उठाकर ज्यादा से ज्यादा लोग इस स्मारक या संग्रहालय तक पहुंच सकें. तीनों विभूतियों से जुड़ी विभिन्न वस्तुएं इस संग्रहालय में संजोकर रखी गई हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 12:41 IST