धनी धनी राजा मेदिनीयां, घर-घर बाजे मथानियां’ क्यों मनाया जाता है यह मेला?

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 07, 2025, 17:01 IST

Adivasi Mahakumbh Mela: राजा मेदिनीराय केवल एक शासक ही नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत भी हैं. उनका आदर्श शासन, जिसमें हर प्रजा खुशहाल थी, खेती और व्यापार फल-फूल रहा था, आज भी लोगों की स्मृतियो...और पढ़ें

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राजा

राजा की मूर्ति

हाइलाइट्स

  • राजा मेदिनीराय की याद में पलामू में मेला आयोजित होता है.
  • आदिवासी महाकुंभ मेला 11-12 फरवरी को होगा.
  • मेले में संस्कृतिक कार्यक्रम और हस्तशिल्प प्रदर्शनी होगी.

Tribal Mahakumbh Mela: झारखंड के पलामू जिले में हर साल आदिवासी महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले की शुरुआत 1990 के आसपास हुई थी और यह राजा मेदिनीराय की याद में आयोजित किया जाता है. पिछले तीन वर्षों से इसे राजकीय मेला घोषित किया गया है. इस वर्ष भी यह भव्य आयोजन 11 और 12 फरवरी को होने वाला है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं.

पलामू में क्यों मनाया जाता है यह मेला?
राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला पलामू जिले के दुनियाखांड मैदान में आयोजित होता है. आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह चेरो के अनुसार, यह मेला राजा मेदिनीराय की स्मृति में आयोजित किया जाता है. इस मेले में झारखंड सहित कई सीमावर्ती राज्यों के आदिवासी समुदाय भारी संख्या में भाग लेते हैं.

कौन थे राजा मेदिनीराय?
राजा मेदिनी राय चेरो राजवंश के सबसे प्रतापी राजा थे. उनका किला आज भी पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में स्थित है. इस किले पर कुल 14 चेरो राजाओं ने शासन किया था. पलामू पर इस राजवंश का शासन लगभग 200 वर्षों तक रहा, जिसमें राजा मेदिनीराय का कार्यकाल (1658-1674 ईस्वी) सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.

राजा मेदिनीराय का प्रसिद्ध स्लोगन
राजा मेदिनीराय के शासनकाल से जुड़ा एक प्रसिद्ध स्लोगन आज भी लोकगीतों में गाया जाता है:

“धनी धनी राजा मेदिनीयां, घर-घर बाजे मथानियां”

इसका अर्थ है कि राजा मेदिनीराय के शासनकाल में हर घर में खुशहाली थी और दूध-दही की कोई कमी नहीं थी.

राजा मेदिनीराय की खासियत
रात के अंधेरे में भेष बदलकर प्रजा की समस्याएं सुनते थे.
हर घर में मवेशी पहुंचवाते थे ताकि कोई भूखा न रहे.
खेती, पशुपालन और व्यापार को बढ़ावा दिया.
प्रजा की भलाई के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं.

मेले की भव्य तैयारियां
हर साल की तरह इस बार भी आदिवासी महाकुंभ मेले में संस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक खेल, स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. इसके अलावा, राजा मेदिनीराय के जीवन से जुड़े विशेष आयोजन और इतिहास पर सेमिनार भी होंगे.

Location :

Palamu,Jharkhand

First Published :

February 07, 2025, 17:01 IST

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