सुलतानपुर: खरीफ की प्रमुख फसल धान की कटाई चालू है और किसान अपना धान सरकारी केंद्र पर ले जाकर बेच रहे हैं, लेकिन नमी की अज्ञानता के कारण किसानों का धान मानक के अनुरूप न होने से वापस कर दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि धान में कितने प्रतिशत नमी होनी चाहिए, जिससे उनके धान को सरकारी क्रय केंद्र द्वारा वापस न किया जाए.
इसके अलावा कुछ और भी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे उन्हें फायदा हो सके. जैसे धान की बिक्री के लिए पंजीकरण अनिवार्य रूप से करा लेना चाहिए. इसके अलावा पंजीकरण के उपरांत जारी टोकन को संभाल कर रखना चाहिए.
जानें क्या है नमी का मानक
जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने लोकल 18 से बताया कि धान की खरीद के लिए सरकार द्वारा कुछ मानक और नियम तय किए गए हैं. किसानों को धान की बिक्री करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसानों द्वारा लाए गए धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर धान में नमी की मात्रा निर्धारित सीमा यानी 17 प्रतिशत से अधिक है, तो सरकार द्वारा उस धान को खरीदा नहीं जा सकेगा.
विक्रय केंद्र पर जाने से पहले करें यह काम
अगर आप भी एक किसान हैंं और खरीफ की सबसे महत्वपूर्ण फसल धान बेचने जा रहे हैं, तो आपको सबसे पहले कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद आपको एक टोकन जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर आपको धान बेचने की अनुमति मिल सकेगी.
इन सभी क्रय केंद्रों पर धान की गुणवत्ता जांचने के लिए मशीनें लगाई गई हैं, जिस पर किसान आसानी से अपने धान की गुणवत्ता की जांच करवा सकते हैं. नमी वाले या क्षतिग्रस्त धान को क्रय केंद्रों पर खरीदने से मना किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 09:18 IST