Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 06, 2025, 13:09 IST
Health Tips: यदि आपको बार-बार पेशाब आती है, तो यह गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय मददगार हो सकते हैं.
कहीं आपको भी तो नहीं लगती है बार बार पेशाब ,यदि ऐसा है तो हो जाएं सावधान हो सकते
हाइलाइट्स
- बार-बार पेशाब आना गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
- यूरिन इन्फेक्शन, डायबिटीज और प्रोस्टेट समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं।
- गोखरू और पुनर्नवा का सेवन मूत्र रोग में मददगार हो सकता है।
Health Issue. अगर आपको बार-बार पेशाब लगती है, तो यह गंभीर बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. बार-बार पेशाब आने से लोग असहज महसूस करते हैं. यह तब होता है जब आपको दिन या रात में कई बार पेशाब करने की जरूरत होती है. ऐसी स्थिति में हमारी दिनचर्या भी प्रभावित हो सकती है. बार-बार पेशाब आना कई अलग-अलग समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं, जिनका समय पर इलाज कराना जरूरी होता है. मुख्य रूप से बार-बार पेशाब आना यूरिन इन्फेक्शन, डायबिटीज और प्रोस्टेट समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा, यह कई अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करता है. आइए जानें एक्सपर्ट से…
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार ने लोकल 18 को बताया कि बार-बार पेशाब आना मूत्र रोग में रिनुअल फंक्शन में गड़बड़ी या कमजोरी के कारण हो सकता है. इसके लिए व्यक्ति का रिनुअल फंक्शन कमजोर हो सकता है, और अगर किडनी में फिलटरेशन ज्यादा हो रहा है, तो किडनी डैमेज की ओर जा सकती है. ठंड के समय में जलयांश वाली चीजों के सेवन से भी पेशाब ज्यादा लगती है. शुगर के मरीजों का किडनी फंक्शन कमजोर हो जाता है, जिससे उन्हें बार-बार पेशाब की इच्छा होती है. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को भी बार-बार पेशाब की इच्छा होती है.
ऐसे लोगों को गोखरू का सेवन करना चाहिए, जिससे रिनुअल फंक्शन धीरे-धीरे मजबूत होता है. ऐसे व्यक्ति को फलाहार का सेवन करना चाहिए और मीठे का सेवन करने से बचना चाहिए. गुड़ या चीनी और इनसे बनी चीजों के सेवन से बचना चाहिए. अगर फलहार में मीठा फल है, तो उसे खाने में कोई दिक्कत नहीं है. गोखरू या पुनर्नवा का सेवन करने से इस रोग से निजात मिलती है.
एक सामान्य व्यक्ति को 3 से 5 बार मूत्र विसर्जन करना चाहिए, जो लोग ज्यादा जल का सेवन करते हैं, उन्हें मूत्र विसर्जन ज्यादा होता है. अधिक जल पीना अच्छी बात नहीं है, पानी का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए. ठंड के दिनों में अधिकतम 3 लीटर और गर्मी के दिनों में 4 से 5 लीटर पानी पर्याप्त है. भोजन के तुरंत बाद या पहले जल का सेवन नहीं करना चाहिए. जल का सेवन भोजन के कम से कम 45 मिनट बाद या पहले करना चाहिए, और पानी सदा घूंट-घूंट करके थोड़ा-थोड़ा करके पीना चाहिए. गुनगुना जल का सेवन करें, यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा, इससे पाचन भी अच्छे से होगा और मूत्र का विसर्जन भी स्वस्थ तरीके से होगा.
Location :
Gumla,Jharkhand
First Published :
February 06, 2025, 13:09 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.