बिना मशीन, बिना क्रीम, सिर्फ हाथों से इलाज! ये जापानी थेरेपी है सचमुच चमत्कारी

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Agency:Local18

Last Updated:January 21, 2025, 14:07 IST

Japanese Medical Manual Therapy: अहमदाबाद में स्थित ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन में जापानी मेडिकल मैनुअल थेरेपी (जेएमएमटी) के एक अनोखे कोर्स की शुरुआत की गई है. यह कोर्स दृष्टिहीन छात्रों के लिए है. यह थेरेपी पूरे भा...और पढ़ें

बिना मशीन, बिना क्रीम, सिर्फ हाथों से इलाज! ये जापानी थेरेपी है सचमुच चमत्कारी

जापानी मेडिकल मैनुअल थेरेपी

अहमदाबाद: आजकल के तकनीकी युग में सर्जरी या जोड़ो के दर्द में राहत पाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे इलेक्ट्रोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अहमदाबाद के वस्त्रापुर स्थित ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन में एक अनोखी चिकित्सा पद्धति (unique aesculapian treatment) का उपयोग किया जा रहा है – जापानी मेडिकल मैनुअल थेरेपी (जेएमएमटी). यहां नेत्रहीन छात्रों को थेरेपी की ट्रेनिंग दी जाती है और वे मरीजों का इलाज भी करते हैं. यह थेरेपी न केवल शारीर की समस्या के इलाज में फायदेमंद है, बल्कि यह दृष्टिहीन लोगों को मजबूत बनाने में भी मदद करती है.

जेएमएमटी कोर्स की शुरुआत और प्रशिक्षण
बता दें कि जापानी मेडिकल मैनुअल थेरेपी (जेएमएमटी) कोर्स की शुरुआत वर्ष 2012-13 में जापान से आए ट्रेनर सब्यूरो सासादा द्वारा हुई थी. उन्होंने अहमदाबाद और देहरादून के नेत्रहीन छात्रों को इस थेरेपी की ट्रेनिंग दी, जिसके बाद ये प्रशिक्षित छात्र अब अन्य छात्रों को सिखाने के साथ-साथ मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं. इस कोर्स की खासियत यह है कि यह पूरे भारत में केवल अहमदाबाद में ही उपलब्ध है और इसमें शियात्सु, एक्यूपंक्चर, और एक्यूप्रेशर जैसी तीन प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों का समावेश है.

कोर्स की खास ट्रेनिंग और तकनीक
इस कोर्स की अवधि दो साल की होती है, जिसमें छह महीने की इंटर्नशिप भी शामिल है. इस थेरेपी में कोई क्रीम, तेल या इलेक्ट्रिक मशीन का उपयोग नहीं किया जाता. इसके बजाय, एक्सपर्ट हाथ से थेरेपी देते हैं, जिसे “टॉकिंग हैंड” कहा जाता है. खास रूप से तैयार किए गए मानव स्कल्पचर मॉडल (human sculpture model) पर 14 मेरिडियन खींची गई हैं, जो एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स को दर्शाती हैं. इन पॉइंट्स को टच मेमोपेन से स्कैन किया जा सकता है, जिससे नेत्रहीन आसानी से समझ सकते हैं कि कौन सा पॉइंट किस बीमारी के लिए उपयोगी है.

बता दें कि यह कोर्स खास रूप से दृष्टिहीन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है. हालांकि, केवल 12वीं पास नेत्रहीन छात्र ही इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. जापानी मेडिकल मैनुअल थेरेपी का उद्देश्य भारत में दृष्टिहीन लोगों को बेहतर व्यावसायिक स्वतंत्रता (Professional Freedom) और सशक्तिकरण प्रदान करना है. यह थेरेपी जापान में एक पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा मानी जाती है और भविष्य में भारत में नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प बन सकती है.

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आवेदन प्रक्रिया
यदि आप इस थेरेपी में रुचि रखते हैं, तो आप ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं. आवेदन के साथ 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र और दिव्गयंगता प्रमाणपत्र की प्रति भी देनी होती है. चयनित उम्मीदवारों को हॉस्टल की सुविधा भी दी जाती है. अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट www.bpaindia.org से संपर्क कर सकते हैं या संस्था का व्यक्तिगत दौरा कर सकते हैं.

First Published :

January 21, 2025, 14:07 IST

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