Last Updated:January 24, 2025, 11:27 IST
Sonu-Monu Gang and Anant Singh News: मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं. बिहार पुलिस ने आर्म्स एक्ट में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. इधर सोनू-मोनू गैंग ने भी खुला चैलें...और पढ़ें
मोकामा. मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें क्या एक बार फिर से बढ़ने वाली है? बिहार पुलिस ने अनंत सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई फायरिंग मामले में बिहार पुलिस ने फिलहाल सोनू को ही गिरफ्तार किया है. वहीं, अनंत सिंह गुट से भी एक शख्स की गिरफ्तारी हुई है. इधर, सोनू-मोनू गैंग ने अनंत सिंह को खुला चैलेंज देकर कहा है कि वह अगर छेड़ेंगे तो हम भी छोड़ेंगे नहीं. अनंत सिंह बीते दो दिनों से चर्चा में हैं. इस बार उनकी अदावत घूर विरोधी रहे विवेका पहलवान से नहीं, बल्कि उसके शागिर्द माने जाने वाले सोनू-मोनू नाम के दो भाइयों से शुरू हो गई है. ऐसे में अनंत सिंह के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले बीजेपी प्रत्याशी ललन कुमार ने भी मोर्चा खोल दिया है. अनंत सिंह पर एके-47 रखने के मामले में पहले भी एफआईआर दर्ज हो चुका है. हालांकि, AK-47 रखने के मामले में वह रिहा हो चुके हैं. लेकिन, एक बार फिर से एके-47 प्रेम उनके लिए मुश्किल साबित हो सकता है?
अनंत सिंह और सोनू-मोनू के बीच दुश्मनी से पहले गहरी दोस्ती भी रह चुकी है. यह बात बीजेपी नेता ललन कुमार बोल रहे हैं. ललन कुमार ने आरोप लगाया है कि आखिर जो अनंत सिंह जेल से निकलने के बाद और जेल में रहते हुए जब परोल पर बाहर आते थे तो, इसी सोनू-मोनू के घर जाना नहीं भूलते थे. वही, अनंत सिंह अब सोनू-मोनू पर आरोप क्यों लगा रहे हैं? बता दें कि अनंत सिंह चीख-चीख कर बोल रहे हैं कि सोनू-मोनू चोर है और उसका बाप डकैत. आखिर दोनों के बीच ऐसा क्या हो गया कि अनंत सिंह ने सोनू-मोनू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया? सोनू-मोनू ने क्यों आरोप लगाया है कि अनंत सिंह AK-47 लेकर मेरे घर पर कई राउंड फायरिंग की? क्या बिहार चुनाव से पहले इस इलाके को गैंगवार में झोकने की साजिश तो नहीं है?
अनंत सिंह की सोनू-मोनू गैंग से अदावत के पीछे की कहानी
बता दें कि मोकामा टाल क्षेत्र में और गंगा के दियारा इलाके में सालों से वर्चस्व की लड़ाई का खेल चलता आ रहा है. कभी अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह का इस इलाके में सिक्का चलता था. दिलीप सिंह की मौत के बाद अनंत सिंह इस इलाके में वर्चस्व के लिए लगातार चर्चा में रहे हैं. अनंत सिंह और विवेका पहलवान में दुश्मनी की चर्चे भी इस इलाके में खूब होते रहे हैं. दोनों तरफ से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. बाद में दोनों के बीच दोस्ती भी हो गई. लेकिन, विवेका पहलवान के खास सोनू-मोनू कांड के बाद लगता है कि एक बार फिर से दोनों में दुश्मनी शुरू हो गई है.
बाहुबली के गढ़ में बड़ा बाहुबली बनने की होड़
हालांकि, इस इलाके में सुरजभान सिंह और टिक्कर सिंह जैसे बाहुबलियों का भी बोलवाला रहा है. ऐसे में अनंत सिंह ने सोनू-मोनू के बहाने इस इलाके में फिर से वर्चस्व कायम तो नहीं करना चाहते हैं? हालांकि, इसमें फ्यूचर पॉलिटिक्स की बात भी आ रही है. क्योंकि, सोनू-मोनू का भी पॉलिटिक्स में खूब इंटरेस्ट है. दोनों बीजेपी से जुड़े रहे हैं. ऐसे में अनंत सिंह को लगता है कि सोनू-मोनू उनके राजनीतिक भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकता है. क्योंकि, वह भी अब एनडीए में फिर से लौट गए हैं. सोनू-मोनू की मां बीते तीन-चार टर्म से इस क्षेत्र में मुखिया का चुनाव जीतती आ रही हैं और पिता भी वकील हैं.
दो भूमिहारों में खूनी संघर्ष
भूमिहार जाति से ताल्लुक रखने वाले अनंत सिंह और सोनू-मोनू दोनों का आपराधिक इतिहास रहा है. अनंत सिंह खुद और उनकी पत्नी भी लगातार मोकामा से विधायक का चुनाव जीतती आ रही हैं. अनंत सिंह जेल के अंदर रहें या बाहर इस इलाके में उनको टक्कर देने वाला मिट्टी मिल जाता है. ऐसे में जेल से निकलने के बाद जिस सोनू-मोनू के घर वह सबसे पहले पुहंचकर चाय-पानी और नाश्ता किए थे, उसी सोनू-मोनू से उनकी दुश्मनी क्यों हो गई? क्या सोनू-मोनू की दोस्ती विवेका पहलवान से अनंत सिंह को नागवार गुजर रहा है? 70 साल के उम्र में भी अनंत सिंह क्यों मरने और मारने की बात कर रहे हैं?
अनंत सिंह पर एक बार फिर से A-47 लेकर सोनू-मोनू के घर पर चढ़ जाने के आरोप लगा है. बता दें कि एके-47 रखने के मामले में ही अनंत सिंह कुछ साल पहले बुरी तरह से फंसे थे. हालांकि, इस बार मुंगेर के स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और नीतीश सरकार से उनके रिश्ते अच्छे हो गए हैं. इसके बावजूद अनंत सिंह को लेकर एनडीए में विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं. अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीजेपी प्रत्याशी ललन कुमार ने अनंत सिंह पर जोरदार हमला बोला है. ललन सिंह ने कहा है कि समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ऐसे दागी चेहरे को एनडीए में क्यों लिय गया? मैं पार्टी फोरम पर इस मुद्दे को उठाऊंगा. आखिर अनंत सिंह बताएं कि जिस सोनू-मोनू के साथ उनकी दोस्ती थी, उसके घर पर हथियार लेकर क्यों गए?’
First Published :
January 24, 2025, 11:27 IST