Last Updated:January 18, 2025, 07:20 IST
Nitish Kumar: नीतीश कुमार ने साल 2005 में बिहार की कमान संभाली थी. उस समय किसी ने सोचा नहीं था कि वह बिहार की महिलाओं के लिए ऐसी-ऐसी योजनाएं लाएंगे जिससे महिलाएं गांव-कस्बों में नेतृत्व करती नजर आएंगी. उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही महिला सशक्तीकरण पर...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बिहार में महिलाओं को नौकरियों और राजनीति में आरक्षण मिला है.
- नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया है.
- नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2005 के नवंबर में सत्ता संभालने के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर खासा जोर दिया. सरकार ने महिलाओं के रोजगार, गरीबी उन्मूलन एवं उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू कीं. बिहार में महिलाओं को नौकरी से लेकर राजनीति तक में आरक्षण का पूरा लाभ मिला है. यही वजह है कि बिहार की पंचायतों में मुखिया, सरपंच एवं सरकारी नौकरियों में शिक्षकों और पुलिसकर्मियों के पदों पर महिलाओं की बड़ी भागीदारी दिखती है.
मुखिया और शिक्षक पदों पर तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है क्योंकि इन दोनों से संबंधित क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू है. साल 2006 से पंचायती राज संस्थानों एवं साल 2007 से नगर निकायों के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है. ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना. बिहार के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने यहां पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देना शुरू किया.
महिलाओं ने खूब दिखाया दमखम
पंचायती राज एवं नगर निकाओं में 50 प्रतिशत आरक्षित के अलावे करीब 10 प्रतिशत अनारक्षित को मिलाकर कुल 60 प्रतिशत के आसपास ग्रामीण सरकार में महिलाओं की भागीदारी है. 8 हजार 442 पंचायतों के मुखिया पदों में से करीब 60 प्रतिशत पदों पर महिलाएं काबिज हैं. इसका परिणाम है कि आज बड़ी तादाद में महिलाएं जनप्रतिनिधि बनकर समाज सेवा में जुटी हैं. इसके फलस्वरुप महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसके तहत महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सक्रियता से कार्य कर रही हैं. इससे पंचायतों में पारदर्शिता आई है और जवाबदेही में सुधार हुआ है. पंचायती राज में महिलाओं की भूमिका ने स्थानीय शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय को बढ़ावा दिया है.
ग्राम पंचायतों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने की पहल पंचायती राज विभाग की ओर से की गई है. अब गांव की आम महिलाओं को भी आगे बढ़ाने की दिशा में पहल शुरू हो चुकी है. इसको लेकर पंचायती राज विभाग की ओर से हर जिले में एक ‘आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत’ की स्थापना की गई है. आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत में महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही है. ऐसी ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा की व्यवस्था की गई है. इन ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए सस्ती चिकित्सा से उनका जीवन सेहतमंद बनाया जा रहा है. इसके अलावे महिलाओं को आजीविका के मामले में स्वावलंबी बनाने के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार की व्यवस्था भी की गई है. ऐसी ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए हेल्पलाइन की स्थापना की गई है. साथ ही उनको परामर्श और कानूनी सहायता की सेवाएं बहाल की गई हैं. पंचायत का ग्राम पंचायत विकास प्लान (GPDP) तैयार किया गया है.
नीतिश कुमार ने क्यों उठाया यह कदम
आज देखा जाए तो बिहार की पंचायत का यह मॉडल देश के कई राज्यों के लिए नजीर बन गई है. पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को मिले 50 प्रतिशत आरक्षण से न सिर्फ बिहार की सियासत और तस्वीर बदली है बल्कि जनप्रतिनिधि बनकर महिलाओं ने अपना दमखम भी दिखाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि महिलाएं शिक्षित होंगी और सब क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी तभी परिवार और समाज का विकास होगा और देश आगे बढ़ेगा.
Location :
Patna,Patna,Bihar
First Published :
January 18, 2025, 07:20 IST