मिल्कीपुर विधानसभा सीट भाजपा और समाजवादी पार्टी के लिए अहम बनी हुई है। अखिलेश के इस गढ़ में भाजपा सेंध लगा पाएगी या समाजवादी पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज करेगी ये तो रिजल्ट के दिन ही तय होगा। इससे पहले इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में चुनाव प्रचार समाप्त हाेने के एक दिन पहले यानी रविवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर पहुंचे हैं, जहां वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के पक्ष में लोगों से वोट करने की अपील करेंगे।
भाजपा और सपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई
बता दें कि मिल्कीपुर का उपचुनाव अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच अब प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। चुनाव प्रचार में बचे आखिरी दाे दिनों में जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर का किला भेदने का प्रयास करेंगे तो वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कुंदरकी व कटेहरी हारने के बाद अपने गढ़ मिल्कीपुर को बचाने की हरसंभव प्रयास करेंगे।
सीएम योगी की आज है विशाल जनसभा
सीएम योगी आज मिल्कीपुर में सिर्फ जनसभा को संबोधित को ही नहीं संबोधित करेंगे, बल्कि पिछली जनसभा में विधायकों और मंत्रियों को दिए गए टास्क की समीक्षा भी करेंगे। तो वहीं, सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी जनसभा को संबोधिक करेंगे और भाजपा की बिछाई बिसात को ध्वस्त करने का प्रयास करेंगे।
मिल्कीपुर सपा का गढ़ रही है, जानें कैसे
पिछले दो उपचुनावों के परिणाम को देखें तो साल 1998 में सत्ता में रहते हुए भी बीजेपी मिल्कीपुर उपचुनाव हार गई थी। इस सीट पर पिछले तीन बार से लगातार समाजवादी पार्टी की जीत होती रही है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के गोरखनाथ बाबा ने जीत दर्ज की थी और फिर उसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी यह सीट हार गई थी।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और सपा प्रत्याशी के तौर पर अवधेश प्रसाद यहां से विधायक निर्वाचित हुए थे।
साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मिल्कीपुर में बीजेपी चुनाव हार गई थी।