Last Updated:January 20, 2025, 15:36 IST
Milkipur Upchunav: मिल्कीपुर उपचुनाव में 75,000 ब्राह्मण वोट निर्णायक होंगे. सपा-भाजपा दोनों ने पासी प्रत्याशी उतारे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि सपा से नाराजगी और बसपा के ना होने से ब्राह्मण-दलित वोट भाजपा को मिल सकते हैं.
हाइलाइट्स
- मिल्कीपुर उपचुनाव में ब्राह्मण वोट निर्णायक होंगे
- सपा और भाजपा दोनों ने पासी प्रत्याशी उतारे हैं
- बसपा के न होने से भाजपा को लाभ मिल सकता है
अयोध्या. अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में इस इस बारे ब्राह्मण मतदाता ट्रंप कार्ड बनने जा रहा है. मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 75000 ब्राह्मण हैं. मिल्कीपुर में ब्राह्मण पिछले कई चुनाव से निर्णायक रहा है. जिस तरफ ब्राह्मण जाता है वह प्रत्याशी विधायक बन जाता है. लिहाजा इस बार भी ब्राह्मण मतदाता जिसकी तरफ जाएगा उसकी जीत तय मानी जा रही है. इस बार क्या है ब्राह्मण मतदाताओं का मूड, इसके लिए गांव चिरौली में न्यूज़18 ने ग्राउंड हकीकत जानी.
दरअसल, मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों की तरफ से ही पासी प्रत्याशी मैदान में हैं. आजाद समाज पार्टी से सपा के बागी सूरज चौधरी भी पासी समाज से आते हैं. लिहजा पासी वोट बैंक की संभावना को देखते हुए सभी दलों की नजरें ब्राह्मण वोटर्स पर टिक गई है. ब्राह्मण वोटर्स को साधने के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी की तरफ से पूरी ताकत झोंक दी गई है. बीजेपी की तरफ से खब्बू तिवारी लगाए गए है और सपा से पवन पांडे लगाए गए हैं. ब्राह्मण नेता मिल्कीपुर में ब्राह्मण यानी अगड़ी जातियों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि यह भी देखा जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ रही है और बहुजन समाज के मतदाता भारतीय जनता पार्टी की तरफ अपना रुख करते दिखाई दे रहे हैं. आईए जानते हैं क्या कहते हैं मिल्कीपुर के मतदाता.
इस बार किसे देंगे वोट
मिल्कीपुर सुरक्षित सीट है, और जो दो प्रमुख पार्टियां है- भाजपा और सपा, दोनों ने पासी समुदाय के प्रत्याशी खड़े किए हैं. लेकिन यहां पर ब्राह्मण कार्ड चलने जा रहा है. क्योंकि इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता कई बार निर्णायक रहा है. गांव चिरौली में हमारे संवाददाता ने ब्राह्मण मतदाताओं से बात की. मिल्कीपुर में क्या माहौल है, इस पर गांव के कुछ ब्राह्मण मतदाताओं ने कहा कि 2022 में उन्होंने सपा को वोट किया था, लेकिन इस बार कमल का फूल जीतेगा. यह पूछे जाने पर कि सपा से क्या दिक्कत है तो ग्रामीणों ने कहा कि सपा में दिक्कत है. झूठा आदमी है. झूठ बोल के जाते है. जो कहते हैं वो करते नहीं. पिछली बार जो बसपा के वोट थे वो बसपा को गए थे, लेकिन इस बार बसपा चुनाव में नहीं हैं तो क्या उसके वोट भाजपा को कॉनवर्ट हो रहे हैं? इस पर ग्रामीणों ने कहा कि हां पिछली बार बसपा को दिए थे, लेकिन इस बार कमल के फूल को देंगे.
इस बार मिल्कीपुर से करेंगे दफा
जिला पंचायत सदस्य प्रदीप यादव ने कहा कि हम लोग लगातार समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े रहे. 2017 से हम सांसद जी को चुनाव जिताने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे और जिताया भी. इन लोगों को 2022 में जिताया और 2024 में जिताया. तन-मन-धन लगा कर जिताया. हमारा पोलिंग बूथ कोई चेक कर सकता है. 2200 गांव में इनकी जीत हुई है, लेकिन आलम ये है कि हम लोगों को नहीं पहचानते. जीतने के बाद हमेशा झूठ बोलते हैं. जनता से झूठ बोलते हैं तो इस बार इनको मिल्कीपुर से दफा करेंगे.
बसपा वोटर्स का रुख किधर
फिलहाल ये मिल्किपुर की जनता है जो बोल रही है. इस बार समाजवादी पार्टी के सपोर्टर्स भी विरोध में हैं ब्राह्मण वोटर्स क्षेत्र में ट्रंप कार्ड बन रहा है. बहुजन समाज पार्टी के जो वोटर्स है उसका भी रुख भाजपा की तरफ है. कुल मिलाकर इस क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं का रुख अहम होने जा रहा है. क्योंकि ब्राह्मण जिधर गया है जीत उसी की हुई है.
Location :
Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradesh
First Published :
January 20, 2025, 15:36 IST
मिल्कीपुर उपचुनाव में 75 हजार ब्राह्मण वोटर किसके साथ? बता दिया कौन जीत रहा