Last Updated:February 06, 2025, 14:11 IST
Aries Characteristics : मेष राशि के जातक साहसी, ऊर्जावान और नेतृत्वकर्ता होते हैं. अश्विनी नक्षत्र में उत्साही, भरणी में विलासी और कृतिका में सृजनात्मक प्रवृत्ति होती है.मंगल इनका ग्रह स्वामी एवं इनके लिये भाग्...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- मेष राशि के जातक साहसी और ऊर्जावान होते हैं.
- अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक उत्साही होते हैं.
- भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक विलासी प्रवृत्ति के होते हैं.
Aries Characteristics : संसार में जन्म लेने वाले प्रत्येक जातक की राशि होती है. उस राशि के अनुसार ही उस जातक का चरित्र, व्यक्तित्व और जीवन का विकास होता है. जीवन के अंतिम क्षण तक वह व्यक्ति उस राशि के कारकतत्व के प्रभाव में रहता है. जन्म के समय चंद्र ग्रह जिस राशि में होता है वह जातक की राशि कहलाती है. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको मेष राशि के जातकों की प्रकृति के बारे में बताएंगे. आइये विस्तार से जानते हैं.
मेष राशि की प्रकृति : मेष राशि राशि चक्र की सबसे पहली राशि हैं.आप मजबूत और शक्तिशाली विशेषताओं के अधिकारी हैं. आपके अन्दर अपने लक्ष्य को पाने का प्रयोजन हैं और आप मजबूत भावना के साथ आगे बढ़ते हैं. आपके पास ऊर्जा का असीमित भंडार हैं जो आपको आसानी से थकने नहीं देता हैं. साहस आपकी सबसे बड़ी खूबी है,और आपको नेतृत्व करने में मजा आता हैं, जबकि आपके आस पास के लोग आपके दिखाये गये मार्ग पर चलना पसंद करते हैं. आपका व्यवहार स्पष्ट और सीधा होता है, और आप समस्या का सीधे-सीधे सामना करने पर विश्वास करते हैं बजाय कि शुतुरमुर्ग की तरह सिर छुपाने के. आप त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार रहते हैं पर कभी-कभी आवेगी होने की वजह आप गुमराह किए जा सकते हैं.
अश्विनी नक्षत्र : इस नक्षत्र के देव अश्विनी कुमार और स्वामी केतु है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक उत्साही और उमंगवान होते हैं. सृजनात्मक कार्य करते हैं. इस राशि और इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता हैं. इस नक्षत्र का स्वामी केतु होने के कारण इनका काम अचानक बनता है या बिगड़ता है. ये क्रोध ज्यादा करते हैं. ये आर्युवेद में विश्वास करते हैं.
भरणी नक्षत्र : इस नक्षत्र के देव यमराज और स्वामी शुक्र है. इस राशि के दुर्गुणों कि वजह से इन्हे क्रोध ज्यादा आता है और शारीरिक सुख मे रुचि रहती है. नक्षत्र का स्वामी शुक्र होने कि वजह से ये विलासी प्रवृत्ति के होते है.संबधों का कारक शुक्र होने की वजह से संबंध बिगड़ते नही है. या तो अधिक दोस्त होते है या कम मित्रोंसे गहरी दोस्ती होती है. त्वचा पर चमक पायी जाती है. यदि कामप्रवृत्ति घटती है तो चेहरे की चमक और बढ़ती है.
कृतिका नक्षत्र : इस नक्षत्र के देव अग्नि है और स्वामी सूर्य है. सृजनात्मक और संशोधनात्मक प्रवृत्ति पायी जाती है. इनमे प्रशंषा पाने कि इच्छा होती है. ये दुसरों को माफ़ करने पर विश्वास करते हैं. इनका मन योग और ध्यान में लग जाए तो कामवृत्ति घटती है और मोक्ष प्राप्ति हो सकती है. छेड़ने पर अतिशय क्रोध करते है. ये सत्ता हासिल कर पाते है.
भाग्यशाली दिन: मंगलवार
भाग्यशाली संख्या: 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72
भाग्यशाली रंग: सुर्ख लाल रंग और लाल
भाग्यशाली स्टोन : हीरा, रूबी
स्वामी ग्रह : मंगल ग्रह
सकारात्मक गुण: उद्यमी, तीक्ष्ण, बहादुर, सक्रिय, साहसी ऊर्जावान.
नकारात्मक गुण: अधीर, अविवेकी, स्वार्थी, ईर्ष्यालु, व्यर्थ घमंडी, अहंकारी, मोटे, क्रूर, स्वत्वबोधक, हिंसक.
स्वास्थ्य संबंधी : मेष राशि के लोगों में बहुत जल्दी सेहत में सुधार होता हैं. उनकी ऊर्जा के स्तर मे कभी कभी व्यापक रूप से उतार चढ़ाव होते रहता हैं और इसलिए इन्हे अपने आहार का ख्याल रखना चाहिए है. इन्हे कॉफी और चीनी से बचना चाहिए. इन पदार्थों से उन्हें तनाव हो सकता हैं.
First Published :
February 06, 2025, 14:11 IST