राजकोट: गुजरात के राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड पर आयोजित रामकथा के पहले दिन प्रसिद्ध रामचरितमानस कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु पूज्य मोरारी बापू ने बुजुर्गों और प्रकृति के प्रति प्रेम करने की बात कही. उनकी इस अपील पर भक्तों ने अभूतपूर्व दान किया, जिसमें 60 करोड़ रुपये की भारी राशि शामिल है. बता दें कि यह धनराशि सद्भावना ट्रस्ट द्वारा वृद्धाश्रम और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग की जाएगी.
वृद्धाश्रम और पर्यावरण संरक्षण का उद्देश्य
बता दें कि जामनगर रोड पर बनने वाले गुडविल ओल्ड एज होम के लिए यह दान जुटाया गया है. इसका बजट 300 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य निराश्रित, दिव्यांग और बेसहारा बुजुर्गों को एक अच्छा जीवन प्रदान करना है. इसमें 1400 कमरों का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा.
947वीं रामकथा का ऐतिहासिक योगदान
गौरतलब है कि पूज्य मोरारी बापू की छह दशकों की यात्रा में यह 947वीं रामकथा थी, जिसमें उन्होंने समाज को श्रीराम और रामायण के माध्यम से सच्चाई, प्रेम और करुणा का संदेश दिया. दुनियाभर से लाखों लोग उनके शाश्वत संदेश से जुड़ते हैं. 23 नवंबर को शुरू हुई इस पुण्यकथा में 80,000 से अधिक भक्त, गणमान्य व्यक्ति (Dignitaries) और स्वयंसेवकों ने भाग लिया. कथा के हर दिन भक्तों और श्रोताओं को भोजन की सेवा प्रदान की गई. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कई सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने दिन-रात मेहनत की.
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आर्थिक और सामाजिक बदलाव की दिशा में कदम
1 दिसंबर को संपन्न हुई रामकथा ने दिखाया कि विश्वास न केवल आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा दे सकता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का साधन भी बन सकता है. इस दान की धनराशि से सैकड़ों बेसहारा बुजुर्गों को नई उम्मीद मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान होगा.
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FIRST PUBLISHED :
December 3, 2024, 15:05 IST