Last Updated:January 18, 2025, 06:55 IST
पुजारी शुभम तिवारी ने कहा कि मौनी अमावस्या का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मौन व्रत रखना होता है. ‘मौन’ का अर्थ होता है चुप रहना, और ‘व्रत’ का अर्थ होता है संकल्प या नियम का पालन करना.
जानें मौनी अमावस्या पर क्यों रखा जाता है मौन व्रत
ऋषिकेश: मौनी अमावस्या हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. यह व्रत माघ मास की अमावस्या को रखा जाता है और इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. वर्ष 2025 में यह तिथि 29 जनवरी को पड़ेगी. इस दिन का विशेष महत्व गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों की पूजा के लिए होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
मौन व्रत का महत्व
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने कहा कि मौनी अमावस्या का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मौन व्रत रखना होता है. ‘मौन’ का अर्थ होता है चुप रहना, और ‘व्रत’ का अर्थ होता है संकल्प या नियम का पालन करना. इस दिन लोग मौन रहकर आत्मसंयम का अभ्यास करते हैं. ऐसा माना जाता है कि मौन व्रत रखने से मन शांत रहता है और आत्मचिंतन में सहायता मिलती है. साधु-संतों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि मौन रहने से ध्यान और साधना में एकाग्रता बढ़ती है.
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
हिन्दू शास्त्रों में मौन को एक शक्तिशाली साधना माना गया है. कहा जाता है कि शब्दों में बहुत ऊर्जा होती है, और यदि व्यक्ति अनावश्यक बातों से बचकर मौन धारण करता है, तो उसकी मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है. इस दिन का उद्देश्य आत्मनिरीक्षण करना और अपने भीतर शांति का अनुभव करना होता है. इसके अलावा, मौन व्रत रखने से वाणी की शुद्धता आती है. अक्सर हम बिना सोचे-समझे बोलते हैं, जिससे कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं. लेकिन जब हम मौन रहते हैं, तो हमें अपने शब्दों के महत्व का एहसास होता है. यह व्रत हमें संयम और धैर्य का पाठ भी सिखाता है.
पितरों की तृप्ति और गंगा स्नान
मौनी अमावस्या का संबंध पितरों की तृप्ति से भी है. इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने का विशेष महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है. गंगा स्नान इस दिन का एक प्रमुख भाग होता है. ऐसा विश्वास है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं.
Location :
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
First Published :
January 18, 2025, 06:55 IST
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