रंगदारों के रंगदार, नाम- अशोक सम्राट, AK-47 का शौकीन, बिहार का भूमिहार बाहुबली

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Last Updated:February 11, 2025, 14:32 IST

अशोक सम्राट ने अपने आतंक से पूरे बिहार को डराकर रख दिया था. अशोक सम्राट की तूती केवल बिहार नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बोलती थी. अशोक सम्राट का जिक्र हो और उसके हथियारों के शौक की बात ना हो. ऐसा हो नहीं सकता...और पढ़ें

रंगदारों के रंगदार, नाम- अशोक सम्राट, AK-47 का शौकीन, बिहार का भूमिहार बाहुबली

बिहार के माफिया अशोक सम्राट.

हाइलाइट्स

  • अशोक सम्राट बिहार के सबसे खतरनाक बाहुबलियों में से एक था.
  • अशोक सम्राट बिहार का पहला बाहुबली कहा जाता है.
  • अशोक सम्राट हथियारों का शौकीन था.

पटनाः बिहार की जब भी बात होती है तो बाहुबलियों की चर्चा के बिना पूरी नहीं होती है. बिहार में एक से बढ़कर एक माफिया रहे हैं, जो जुर्म की दुनिया से राजनीति में आए तो कुछ उसी जुर्म की दुनिया के पाताल लोक में समा गए. लेकिन जब तक धरती पर थे, तब तक उनका खौफ इतना रहा कि बड़ा से बड़ा माफिया भी उसके ऊपर हाथ डालने से पहले सौ बार सोचता था. बिहार में जब माफियाओं की बात होती है तो सबसे ज्यादा भूमिहार समाज की बाहुबलियों की चर्चा होती है. उन्हीं में से एक था अशोक सम्राट. अशोक सम्राट भूमिहार जाति से तालुक रखता था.

सूरजभान सिंह से थी अशोक सम्राट की लड़ाई
अशोक सम्राट ने अपने आतंक से पूरे बिहार को डराकर रख दिया था. अशोक सम्राट की तूती केवल बिहार नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बोलती थी. अशोक सम्राट का जिक्र हो और उसके हथियारों के शौक की बात ना हो. ऐसा हो नहीं सकता. बिहार की जुर्म की दुनिया का अशोक सम्राट पहला बाहुबली था, जिसने एके-47 रखना शुरू किया. बेगूसराय का रहने वाला अशोक सम्राट 90 के दशक में वारदातों को अंजाम देने के लिए घातक हथियारों का इस्तेमाल करता था. कई तो ऐसे हथियार थे, जो बिहार पुलिस ने देखे भी नहीं थे. कहा जाता है कि बिहार में अशोक सम्राट का काम लोगों को संरक्षण देना था. हालांकि बिहार में वर्चस्व की जंग में सूरजभान सिंह से उसका सीधा मुकाबला था. साल 1993 में बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे बेगूसराय के एसपी थे.

अशोक सम्राट के घर से मिली थी AK-47
उन्होंने ही उस वक्त अशोक सम्राट के पास से एके-47 और सूरजभान सिंह के घर से एके-56 बरामद किया था. एक इंटरव्यू में गु्प्तेश्वर पांडे बताते हैं कि अशोक सम्राट उस वक्त बिहार में अपनी अलग सरकार चला रहा था और उसे किसी का कोई डर नहीं था. गुप्तेश्वर पांडेय के कप्तान रहते हुए बेगूसराय में 1993 से लेकर 94 तक में 42 एनकाउंटर हुए थे और उतने ही अपराधी मारे गए थे. गु्प्तेश्वर पांडेय बताते हैं कि अशोक सम्राट ने उस वक्त कई लोगों की हत्या एके-47 से की थी.

बिहार के इन जिलों में अशोक सम्राट का खौफ
बिहार में बाहुबलियों और नेताओं का बंधन पुराना है और इसका फायदा दोनों समय-समय पर लेते रहे हैं, जिसका फायदा अशोक सम्राट ने भी खूब उठाए थे.  अशोक सम्राट का खौफ खासतौर पर बेगूसराय, मोकामा, वैशाली, लखीसराय और गोरखपुर जैसे कई इलाकों में माना जाता था. हालांकि जुर्म की दुनिया के पाताल लोक में एक दिन अशोक सम्राट पहुंच गया और उसे पहुंचाने वाले जांबाज पुलिस अधिकारी का नाम था शशिभूषण शर्मा.

5 जनवरी 1995 में अशोक सम्राट का हुआ एनकाउंटर
यह बात है साल 1995 के 5 जनवरी की. पुलिस को सूचना मिली की अशोक सम्राट किसी रेलवे के ठेके में शामिल होने वाला है. पुलिस को मिली सूचना सही निकली और दोपहर को 1 बजे जानकारी मिली की अशोक सम्राट वहां मौजूद है. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अशोक सम्राट को दबोचने की कोशिश की लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी. इधर पुलिस ने भी फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान अपराधी गाड़ियों से भाग निकले. दोपहर 1 बजे शुरू हुई मुठभेड़ शाम के 4 बजे तक रुक-रुक कर चलती रही. इसके बाद पुलिस ने जब एनकाउंटर स्थल की जांच शुरू की तो अशोक सम्राट की मौत की पुष्टि की गई.

First Published :

February 11, 2025, 14:32 IST

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