Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 07, 2025, 12:30 IST
Animal Hospital Issues: सरकार जानवरों को सही इलाज मिल सके और इसके साथ ही पशुपालकों को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मवेशी अस्पताल का निर्माण कराया गया है. ऐसा ही जानवरों का अस्पताल गिरिडीह के भंडारीडीह ...और पढ़ें
Giridih Animal Hospital
हाइलाइट्स
- गिरिडीह के मॉडल एनिमल हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं मिलते.
- डॉक्टर की अनुपस्थिति से पशुपालकों को दिक्कतें हो रही हैं.
- इलाज के अभाव में जानवरों की मौत हो रही है.
Animal Hospital Giridih: गिरिडीह के भंडारीडीह स्थित मॉडल एनिमल हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले पशुपालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस अस्पताल को पशुओं के बेहतर इलाज और पशुपालकों की मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां तैनात डॉक्टर नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते. डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण, मवेशियों के इलाज में देरी हो रही है, जिससे पशुपालकों को निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ता है और ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं.
हर दिन 25 से ज्यादा पशुपालक आते हैं इलाज के लिए
जानकारी के अनुसार, इस पशु अस्पताल में हर दिन 25 से ज्यादा पशुपालक अपने मवेशियों के इलाज के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर के न मिलने से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है. यहां जिला पशु चिकित्सक डॉ. दिलीप रजक की तैनाती है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि वह लंबे समय से अस्पताल नहीं आ रहे हैं. उनके न होने की स्थिति में पारा मेडिकल स्टाफ ही इलाज करने को मजबूर है.
डॉक्टर की गैरमौजूदगी से इलाज में आ रही दिक्कतें
लोकल मीडिया की टीम जब मौके पर पहुंची तो पाया कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे. अटेंडेंस रजिस्टर में भी डॉक्टर की अनुपस्थिति दर्ज थी. अस्पताल की एक कर्मचारी मंजू ने बताया कि डॉक्टर के लगातार गायब रहने से लोग नाराज होते हैं और अस्पताल स्टाफ पर गुस्सा निकालते हैं.
वहीं, पारा मेडिकल स्टाफ अनुज ने बताया कि डॉक्टर की गैरमौजूदगी में वे अपने स्तर पर इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार गंभीर मामलों में विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत होती है, जिससे इलाज अधूरा रह जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनिंग लेने के बावजूद, उनके पास डॉक्टर जितना अनुभव नहीं है, जिससे इलाज में जोखिम बना रहता है.
इलाज के अभाव में जानवरों की हो रही मौत
स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉक्टर के न रहने की वजह से कई बार गंभीर रूप से बीमार मवेशियों का सही समय पर इलाज नहीं हो पाता और वे दम तोड़ देते हैं. ऐसे में, गरीब पशुपालकों के लिए यह अस्पताल मददगार बनने के बजाय सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया है.
पशुपालन अधिकारी का बयान
जब इस मुद्दे पर जिला पशुपालन अधिकारी डॉ. नीरज कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर की उपस्थिति को लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी बताया कि टूरिंग डॉक्टर ही इलाज करते हैं, जिससे पशुपालकों की परेशानी बनी रहती है.
Location :
Giridih,Jharkhand
First Published :
February 07, 2025, 12:30 IST