Agency:News18Hindi
Last Updated:February 12, 2025, 09:38 IST
लेबनान में इजरायल की ओर से पेजर बम हमले जैसा कारनामा यूक्रेन ने कथित तौर पर रूस पर करने की कोशिश की है. रूसी सैनिकों को मानवीय सहायता के तहत VR हेडसेट मिले, जिनमें प्लास्टिक विस्फोटक था. हेडसेट चालू करते ही विस...और पढ़ें
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रूसी सेना तक बम लगे ड्रोन वीआर हेडसेट पहुंचाए गए.
हाइलाइट्स
- रूसी सैनिकों को मिले VR हेडसेट में विस्फोटक पाए गए
- यूक्रेन ने कथित तौर पर रूस पर पेजर बम हमले जैसा प्रयास किया
- हेडसेट चालू करते ही विस्फोट हुआ, कोई हताहत की जानकारी नहीं
कीव: लेबनान में पिछले साल सैकड़ों पेजर्स अचानक एक साथ बजने लगे. लोगों ने जब उन्हें निकालकर देखा तो वह ब्लास्ट हो गए. 30 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों घायल हुए. इसके पीछे इजरायल था, जिसने बम लगे पेजर लेबनान के हिजबुल्लाह तक पहुंचा दिए. अब इसी तरह का एक कारनामा कथित तौर पर यूक्रेन ने करने की कोशिश की है. रूसी सेना के पास ऐसे ड्रोन वीआर हेडसेट पहुंचाए गए, जिन्हें चालू करते ही उसमें धमाका हो गया. वीआर हेडसेट को सिर पर पहना जाता है और पूरी आंखों को कवर करता है. ड्रोन के कैमरे में जो कैप्चर होता है वह वीआर हेडसेट पर दिखता है. रूसी मीडिया ने खुलासा किया है कि पुतिन के सैनिकों को मिले ड्रोन हेडसेट में प्लास्टिक विस्फोटक लगा हुआ था.
ड्रोन वीआर सेट सिर पर पहना जाता है. (AP)
यह घटना रूसी सेना के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. यह यूक्रेनी साइबर या गुरिल्ला हमले की ओर इशारा करती है. सरकारी मीडिया TASS के मुताबिक रूसी निर्माता कंपनी JSC NPP के प्रवक्ता इगोर पोटापोव ने कहा कि एक व्यक्ति ने इन हेडसेट को मानवीय सहायता के रूप में दान किया था. जब सैनिकों ने इन हेडसेट को चालू किया तो फट गए और धमाका हो गया. TASS ने यह नहीं बताया कि इसमें कोई घायल हुआ या किसी की मौत हुई या नहीं. पोटापोव ने कहा कि ये हेडसेट ‘स्काईजोन कोबरा एक्स वी4’ मॉडल के थे, जो फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि जब सैनिकों ने पूरे बैच को चेक किया तो सभी ड्रोन के हेडसेट में बम लगे थे.
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हर हेडसेट में मिला विस्फोटक
चीनी कंपनी स्काईजोन रूस और यूक्रेन सहित कई देशों में ड्रोन की आपूर्ति करती है, लेकिन JSC NPP को यह अपना डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मानता है. रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही दोनों देशों की सेनाओं की ओर से हजारों की संख्या में इन ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी और टारगेट का पता लगाने के लिए किया जाता रहा है. यूक्रेन के डिफेंस इंटेलिजेंस ने किसी भी तरह के हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक रूसी टेलीग्राम चैनल ने दावा किया है कि बक्सों में छेड़छाड़ के निशान थे और VR हेडसेट में 10 से 15 ग्राम प्लास्टिक विस्फोटक था. चैनल का दावा है कि रूसी सैनिकों को मारने के लिए अनजान लोगों का इस्तेमाल किया गया.
NEW: Russian soldiers find integrative explosives successful caller batch of FPV drone goggles. https://t.co/yUeJgCn8S6 pic.twitter.com/XlU6E0xDrs
— Clash Report (@clashreport) February 11, 2025
हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल ने किया था पेजर अटैक
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध एक्सपर्ट और ब्रिटेन के ससेक्स यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन के लेक्चरर मैथ्यू फोर्ड ने इस हमले की तुलना पिछले साल हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के हमले से की. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कई महीनों तक इस हमले की प्लानिंग की थी. इजरायल ने सप्लाई चेन में भी सेंध लगाई थी. लेकिन रूस को मिले ड्रोन के उदाहरण की बात करें तो यह व्यक्तिगत दान के तौर पर दिया गया है. युद्ध के दौरान दोनों सेनाओं ने कई बार क्राउड फंडिग का रुख किया है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 09:36 IST