शिक्षक पिता का सपना IAS बने, बेटे ने क्लियर किया NDA, अब सेना में बनेगा अफसर

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Last Updated:January 18, 2025, 12:54 IST

Career Tips : पूर्णिया के सिपाही टोला के मिर्जाहाता स्थित निजी विद्यालय के शिक्षक अवधेश तिवारी का पुत्र अपने 19 साल की उम्र में अपने पिता के सपनों को नही अपनी पसंद के नौकरी को ढूंढ पिता का बढ़ाया सम्मान और प्रतिष्ठा.

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पिता चाहता था बेटा बनें आईएएस लेकिन बेटा को था पसंद.. 

पूर्णिया: सिपाही टोला स्थित मिर्जाहाता के निजी विद्यालय के संस्कृत शिक्षक अवधेश तिवारी के बेटे भास्कर सांडिल ने 19 साल की उम्र में एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) की परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने माता-पिता का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है, जहां हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा एक बड़ा अधिकारी बने, वहीं भास्कर ने अपने पिता की इच्छाओं से अलग अपने सपनों को चुना और सेना में अधिकारी बनने का फैसला किया.

पिता का सपना था बेटा बने आईएएस, लेकिन बेटे ने चुनी अपनी राह
अवधेश तिवारी, जो पूर्णिया के एक निजी विद्यालय में संस्कृत शिक्षक हैं, उनका सपना था कि उनका बेटा आईएएस अधिकारी बने. उन्होंने अपने बेटे को लगातार प्रेरित किया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करे, लेकिन भास्कर ने अपने पिता से कहा, ‘पिताजी, मेरा सपना सेना का बड़ा अधिकारी बनना है. मैं एनडीए की तैयारी करना चाहता हूं.’ यह सुनकर अवधेश तिवारी ने अपने बेटे के सपने को पूरा करने की अनुमति दी और उसका पूरा समर्थन किया.

10 जनवरी को
भास्कर ने एनडीए की परीक्षा पास करने के लिए पूरी मेहनत की. वह लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ, फिर इंटरव्यू और मेडिकल परीक्षा भी सफलतापूर्वक पास की. अंततः उसका नाम मेरिट लिस्ट में आया और उसे 7 जनवरी 2025 को जॉइनिंग लेटर मिला, भास्कर ने 10 जनवरी को पुणे स्थित एनडीए अकादमी में दाखिला लिया, जहां वह अगले तीन साल तक ट्रेनिंग करेगा. इसके बाद वह आईएमए (इंडियन मिलिट्री अकादमी), देहरादून में 1 साल की अतिरिक्त ट्रेनिंग करेगा.

कम उम्र में बड़ी उपलब्धि, प्रेरणा बने भास्कर
भास्कर के माता-पिता का कहना है कि उनका बेटा बचपन से ही पढ़ाई में तेज था. उसने कभी किसी कोचिंग या ट्यूशन का सहारा नहीं लिया और घर पर ही सेल्फ स्टडी के माध्यम से तैयारी की. आज उसकी मेहनत और लगन की बदौलत वह एनडीए में शामिल हुआ है.

भास्कर की इस सफलता से उनके माता-पिता को गर्व है. उनके पिता अवधेश तिवारी ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल करेगा. यह मेरे लिए गर्व की बात है.’ भास्कर की मां रेखा कुमारी भी अपने बेटे की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं और इसे उनकी मेहनत और लगन का परिणाम मानती हैं.

First Published :

January 18, 2025, 12:54 IST

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