नई दिल्ली. शेयर बाजार में लगातार गिरावट होने से निवेशकों के मन में बियर मार्केट (मंदी) का डर बैठ गया है. हालांकि, पिछले दो दिनों में तेजी आने से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन फिर भी यह अनुमान लगाना मुश्किल लग रहा है कि बाजार यहां से किस ओर जाएगा. इस बीच इंटरनेशनल ब्रोकरेज हाउस CLSA ने मार्केट पर अपना नजरिया जाहिर किया है. भारत में सीएलएसए के रणनीतिकार और रिसर्च हेड विकास कुमार जैन ने कहा, पिछले पांच हफ्तों में बाजार में भारी गिरावट के बाद, एक अच्छी तेजी देखने को मिलेगी. उन्होंने मुंबई में मीडिया से बातचीत में कहा कि वीक अर्निंग सीजन, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के चीन जाने, बढ़ती महंगाई और ईरान-इजरायल युद्ध जैसे नकारात्मक कारणों की वजह से बाजार में गिरावट दिखी, लेकिन अब इस गिरावट की भरपाई करने के लिए बाजार में शॉर्ट टर्म के लिए तेजी देखने को मिल सकती है.
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फिर से बुल मार्केट की शुरुआत?
विकास कुमार जैन ने कहा, “मुझे यकीन नहीं है कि यह बाजार में फिर से बुल मार्केट की शुरुआत है या मंदी के मार्केट में तेजी है.” विकास जैन का कहना है कि विदेशी निवेशकों का चीन को लेकर शुरुआती उत्साह फीका पड़ गया है, क्योंकि देश के नीति-निर्माता कम आक्रामक दिख रहे हैं. जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के नए अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने तक कुछ तय हो सकेगा.
गवाही दे रहे हैं दिसंबर के आंकड़े
तेजी का दूसरा कारण दिसंबर में ऐतिहासिक रूप से बाजार अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. पिछले 20-30 वर्षों के डेटा से पता चलता है कि दिसंबर में मार्केट ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है. इसके अलावा, कच्चे तेल की गिरती कीमतें भी मार्केट के लिए अच्छा संकेत है.
विकास जैन का कहना है कि विदेशी निवेशकों के $900 बिलियन फंड AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में से $800 बिलियन नॉन-इंडिया-डेडिकेटेड फंड में है. उन्होंने कहा, “ये फंड अक्सर इमर्जिंग इकोनॉमिक्स (उभरते बाजार) में निवेश करते हैं. चूंकि, भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है इसलिए फंड मैनेजर चीन से भारत में एलोकेशन ट्रांसफर कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 12:15 IST