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श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास जी का निधन हो गया है। 87 वर्षीय सत्येंद्र दास की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ के कारण तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें लखनऊ के SGPGI में रविवार को भर्ती कराया गया था। उन्हें मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर भी था। वह न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती थे।
सत्येंद्र दास कब बने थे पुजारी?
दास 6 दिसंबर, 1992 को अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे, जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था। राम मंदिर के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य पुजारी दास, जिन्होंने आध्यात्मिक जीवन का विकल्प चुना था, तब उनकी उम्र मात्र 20 वर्ष थी। उनका पूरे अयोध्या और यहां तक कि उससे परे भी व्यापक सम्मान है।
अयोध्या के सबसे सुलभ संत थे सत्येंद्र दास
निर्वाणी अखाड़े से संबंध रखने वाले दास अयोध्या के सबसे सुलभ संतों में से थे और अयोध्या तथा राम मंदिर के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी चाहने वाले देश भर के कई मीडियाकर्मियों के लिए सुलभ रहने वाले व्यक्ति थे। छह दिसंबर, 1992 को जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, तब उन्हें मुख्य पुजारी के रूप में सेवा करते हुए मुश्किल से नौ महीने हुए थे। इस विध्वंस ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल मचाई, जिसने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी और दास हमेशा राम मंदिर आंदोलन और आगे के रास्ते पर मीडिया के सभी सवालों का धैर्यपूर्वक जवाब दिया करते। विध्वंस के बाद भी दास मुख्य पुजारी के रूप में बने रहे और जब रामलला की मूर्ति एक अस्थायी तम्बू के नीचे स्थापित की गई, तब उन्होंने पूजा भी की।