सावधान! आपका भी बच्चा देखता है मोबाइल, तो खतरनाक है यह लत

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 06, 2025, 14:55 IST

Child Mobile Addiction: बच्चों को मोबाइल देने से उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इससे उनकी याददाश्त, एकेडमिक ग्रोथ, आंखों की रोशनी और नींद प्रभावित होती है.

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मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने से बच्चों का दिमाग हो रहा कमजोर

हाइलाइट्स

  • बच्चों को मोबाइल देने से मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
  • मोबाइल का अधिक उपयोग बच्चों की याददाश्त और शैक्षणिक विकास को प्रभावित करता है.
  • मोबाइल से बच्चों की आंखों की रोशनी और नींद पर भी असर पड़ता है.

अंकुर सैनी/सहारनपुर: बच्चे जब रोते हैं या किसी चीज के लिए जिद करते हैं, तो अक्सर मां-बाप पीछा छुड़ाने के लिए बच्चों को मोबाइल या कोई और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट थमा देते हैं. यह ट्रेंड आजकल काफी आम हो गया है. इससे बच्चा शांत तो हो जाता है, लेकिन इससे उसे कई घंटे स्क्रीन के सामने बिताने की लत लग जाती है. लगातार देखने में आ रहा है कि डेढ़ साल से लेकर 5 साल तक के बच्चे मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं. जिसके कारण छोटे बच्चे दिमागी रूप से कमजोर होने लगे हैं. स्मार्टफोन का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग, लैपटॉप और टीवी पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों को बोलने में दिक्कत और समाज में दूसरे लोगों के साथ बातचीत करने में परेशानी महसूस होने लगती है.

ज़्यादा देर तक मोबाइल चलाने से बच्चों के दिमाग पर कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. इससे उनकी याददाश्त कमज़ोर होती है और एकेडमिक ग्रोथ भी धीमी होती है. साथ ही इससे उनकी आंखों की रोशनी कमज़ोर हो सकती है और नींद आने में भी दिक्कत हो सकती है. इससे बच्चों का मूड खराब हो सकता है और वह चिड़चिड़े हो सकते हैं.

इसको लेकर एम.बी.बी.एस एम.डी (मनोरोग विशेषज्ञ) डॉ राजकुमार सिंह ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि कोई भी नई टेक्नोलॉजी आती है, तो अपने साथ कुछ फायदे तो कुछ नुकसान लेकर आती है. पिछले कुछ समय से मोबाइल हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है. बड़े- छोटे सभी मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन कुछ समय से देखने में आ रहा है कि छोटे बच्चे मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. बच्चों का मोबाइल के साथ टाइम बिताना बढ़ता ही जा रहा है, जिसमें कहीं न कहीं उनके माता-पिता का भी हाथ रहता है. बच्चों का मन कुछ न कुछ जानने की इच्छा रखता है. माता-पिता कुछ काम कर रहे हैं, तो अपने बच्चों को वहां से हटाने के लिए मोबाइल दे देते हैं. मोबाइल वापस लेने पर बच्चे एग्रेसिव हो जाते हैं, मारपीट करने लगते हैं, सामान को फेंकने लगते हैं. साथ ही स्क्रीन की रेज दिमाग को एक्साइड करती है. जिसके कारण बच्चों की नींद कम हो जाती है. आंखें कमजोर होने लगती है, बच्चा नींद में बड़बड़ाने लगता है. दिमाग के नशे कमजोर होने लगती है. सर में दर्द रहने लगता है. इन सभी समस्याओं का बच्चों को सामना करना पड़ता है. इसलिए बच्चों से मोबाइल को दूर रखें.

बच्चों के दिमाग को बचाना है तो मोबाइल से बनाएं दूरी

डॉ. बताते हैं कि बच्चों के ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने से इसका नकारात्मक प्रभाव यह होता है कि उनमें स्पीच डेवलपमेंट नहीं हो पाता है. वो गैजेट्स में ही बिजी रहने लगते हैं. उनके व्यवहार में दिक्कतें आने लगती है. वो कई बार बहुत नखरे करने लगते हैं. कई बार आक्रामक भी हो जाते हैं. कई मां-बाप बच्चों को रात में गैजेट्स पकड़ा देते हैं, जिससे उनका स्लीप पैटर्न खराब हो जाता है. ऐसा मां-बाप को भी नहीं करना चाहिए, उन्हें देखकर भी कई बार बच्चे टीवी देखने या मोबाइल चलाने की जिद करते हैं. इससे उनका कॉन्सन्ट्रेशन भी खराब होता है.

Location :

Saharanpur,Uttar Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 14:55 IST

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